वैज्ञानिकों को चांद की मिट्टी पर रिसर्च में मिली बड़ी सफलता
वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि चंद्रमा की मिट्टी में पानी है। चीन के वैज्ञानिकों को चांद से लाई गई मिट्टी से पानी बनाने में सफलता मिली है। वर्ष 2020 में चीन के चांग’ई-5 मिशन के तहत चंद्रमा से मिट्टी लाई गई थी।
चीन को मिली बड़ी सफलता
चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने गुरुवार को बताया कि वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की मिट्टी से पानी बनाने के नए तरीके की खोज की है। नई विधि का उपयोग कर एक टन चंद्र मिट्टी से लगभग 51-76 किलोग्राम पानी बनाया जा सकेगा। यह पानी 50 लोगों की दैनिक पेयजल खपत के बराबर है। यह पानी 500 मिलीलीटर की 100 बोतलों से भी अधिक है। 2020 में चीन के चांग’ई-5 मिशन ने 44 वर्षों में पहली बार मानव द्वारा चंद्र नमूने प्राप्त करने का रिकार्ड बनाया था।
चंद्रमा की मिट्टी में मिला हाइड्रोजन
सीसीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी विज्ञान अकादमी के शोधकर्ताओं ने पाया कि चंद्रमा की मिट्टी के इस नमूने में बड़ी मात्रा में हाइड्रोजन है। इस मिट्टी को अत्यधिक तापमान पर गर्म करने पर मिट्टी में मौजूद हाइड्रोजन अन्य तत्वों के साथ प्रतिक्रिया करके जल वाष्प बनाता है।
सीसीटीवी ने कहा कि तीन वर्षों के गहन शोध के बाद चंद्रमा की मिट्टी से बड़ी मात्रा में पानी बनाने की नई विधि की खोज की गई है। इससे भविष्य में चंद्र वैज्ञानिक अनुसंधान में मदद मिलने की उम्मीद है। इस खोज की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब चीनी विज्ञानी जून में चांग’ ए-6 मिशन द्वारा लाए गए चंद्र नमूनों पर पहले से ही प्रयोग कर रहे हैं।
- चंद्रमा पर पानी भविष्य के मानव मिशन में उपयोगी हो सकता है।
- इस पानी का उपयोग हाइड्रोजन राकेट ईंधन बनाने के लिए किया जा सकता है।
- यह खोज चीन की दशकों पुरानी उस परियोजना के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, जिसके तहत चीन चंद्रमा पर स्थायी केंद्र बनाना चाहता है।
- अमेरिका और चीन के बीच चंद्रमा के संसाधनों को खोजने और खनन करने की होड़ है।