संभल हिंसा में न्यायिक आयोग की जांच तेज…400 लोगों की हुई पहचान
उत्तर प्रदेश के संभल में पिछले महीने शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा की जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग के दो सदस्यों ने रविवार को मस्जिद सहित शहर के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान मस्जिद कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की। इस बीच, मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने कहा कि हिंसा के जिम्मेदारों के खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। अब तक 400 लोगों की पहचान हो चुकी है।
आयोग ने हिंसा की बारीकी से की जांच
न्यायिक आयोग के अध्यक्ष, हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश देवेंद्र कुमार अरोड़ा और सदस्य पूर्व पुलिस महानिदेशक एके जैन ने रविवार सुबह करीब दस बजे संभल पहुंचकर मामले की जांच शुरू की। आयोग का एक और सदस्य, सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव अमित मोहन, टीम के साथ नहीं पहुंच पाए। आयोग की टीम ने पहले मस्जिद के आसपास के इलाके का दौरा किया, जहां पुलिस और उपद्रवियों के बीच झड़पें हुई थीं। इस दौरान पुलिस अधीक्षक केके विश्नोई ने आयोग को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इसके बाद, टीम ने नखासा तिराहा और हिंदूपुरा खेड़ा इलाकों का भी दौरा किया।
हिंसा में शामिल 400 लोगों की पहचान
मंडल आयुक्त आंजनेय कुमार सिंह ने बताया कि हिंसा के मामले में अब तक 400 लोगों की पहचान की जा चुकी है, और उनके खिलाफ सबूत जुटाए जा रहे हैं। पुलिस ने उपद्रवियों की पहचान के लिए वीडियो और तस्वीरों का सहारा लिया है। पुलिस की पांच विशेष टीमें इस मामले में जांच कर रही हैं और आरोपियों की तलाश में जुटी हुई हैं।
मस्जिद कमेटी का बयान
जामा मस्जिद के इमाम, आफताब हुसैन वारसी ने कहा कि आयोग की टीम मस्जिद में करीब 15 मिनट तक रही। मस्जिद कमेटी के सचिव मसूद फारूकी ने बताया कि टीम ने उनसे कोई सवाल नहीं पूछा। वे केवल घटनास्थल और मस्जिद का मुआयना करने आए थे। मसूद फारूकी ने कहा कि बयान बाद में दर्ज किए जाएंगे।
दो महीने में पूरी होगी जांच
आयोग के अध्यक्ष, देवेंद्र कुमार अरोड़ा ने कहा कि आयोग घटना की पूरी तह तक जाएगा। फिलहाल, उन्होंने घटनास्थल का मुआयना कर लिया है और अधिकारियों और आम लोगों के बयान दर्ज किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि जांच प्रक्रिया में लगभग दो महीने लग सकते हैं।