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सचिन तेंदुलकर ने भारतीय टीम को 1000वें वनडे की शुभकामनाएं देते हुए कही यह बात

नई दिल्ली: भारत को वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला 6 फरवरी को खेलना है. भारतीय टीम का ये 1000वां मुकाबला होगा. दुनिया के महान क्रिकेटर्स में शुमार सचिन तेंदुलकर ने भारतीय टीम को शुभकामनाएं दीं है. सचिन तेंदुलकर ने पिछले 48 वर्षों में भारत के 999 वनडे में से 463 मैच खेले हैं .

सचिन ने दी शुभकामनाएं

सचिन तेंदुलकर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत के 1000वें वनडे की पूर्व संध्या पर पीटीआई-भाषा से कहा, ‘मैं पूरी तरह से सहमत हूं कि मेरा सपना भारत के लिये टेस्ट क्रिकेट खेलना था. सिर्फ यही बात मेरे दिमाग में थी और इसी के साथ वनडे आये लेकिन उस युग में जब आप बच्चे थे तो आप वनडे का सपना नहीं देखते थे. उन्होंने कहा, ‘वनडे में हाइप 1996 विश्व कप में हुई थी और तभी सबसे बड़ा बदलाव हुआ था. इससे पहले 1983 हो गया था और वह अद्भुत था. हां, तब स्टेडियम पूरे भरे थे, लेकिन 1996 वर्ल्ड कप के बाद चीजें बदलनी शुरू हो गई और वो बदलाव दिखने लगे थे.’ उन्होंने कहा, ‘मैंने उन बदलावों का अनुभव किया और वनडे को नया आयाम मिला.’ भारतीय टीम ने अब तक 999 वनडे मैच खेले हैं. इसमें से टीम इंडिया को 518 मैचों में जीत मिली है तो वहीं 431 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा है. 999 मैचों में 41 मैच बिना किसी नतीजे के समाप्त हुए तो वहीं 9 मुकाबले टाई रहे.

सचिन ने खेले भारत के लिए सबसे ज्यादा मैच 

सचिन तेंदुलकर भारत के 200वें, 300वें, 400वें, 500वें, 600वें, 700वें और 800वें वनडे में खेल चुके हैं, लेकिन वह अपना ज्यादातर क्रिकेट एक गेंद के साथ खेलने वाले 50 ओवर के मैच और मैदानी पाबंदियों (जिसमें 30 गज के सर्कल के बाद एक अतिरिक्त क्षेत्ररक्षक खड़ा होता है) में खेले. इसे देखते हुए लगता है कि अगर वह इस युग में खेले हो तो शायद उनके 18000 (18426) से ज्यादा वनडे रन अब 22,000 या फिर 25,000 रन तक पहुंच गए होते. 

इस पारी को बताया सबसे खास 

सचिन तेंदुलकर से जब उनकी पांच सर्वश्रेष्ठ वनडे पारियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘पांच यादगार वनडे पारियां चुनना बहुत मुश्किल है. मैं वर्ल्ड कप फाइनल को इस सूची से बाहर रखूंगा, क्योंकि यह अहसास शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. आप इसे अन्य मैचों के साथ शामिल नहीं कर सकते, क्योंकि यह मेरी जिंदगी का सर्वश्रेष्ठ दिन था.’शारजाह में आस्ट्रेलिया के मजबूत आक्रमण के खिलाफ दो शतक के अलावा ग्वालियर में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 200 रन इसमें शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘यह यादगार पारी है क्योंकि वह भी दक्षिण अफ्रीका का अच्छा गेंदबाजी आक्रमण था और पहली बार था जब वनडे में किसी ने दोहरा शतक जमाया था.’

पिता के निधन के बाद लगाया शतक 

सचिन तेंदुलकर ने उस शतक को भी खास बताया है जो उन्होंने अपने पिता प्रोफेसर रमेश तेंदुलकर के निधन के तुरंत बाद बनाया था. तेंदुलकर ने कहा, ‘मैं घर आया था और अपनी मां को देखकर मैं बहुत भावुक हो गया था. मेरे पिता के निधन के बाद वह टूट गयी थीं, लेकिन उस दुख की घड़ी में भी वह मुझे घर पर रूकने देना नहीं चाहती थी और वह चाहती थीं कि मैं राष्ट्रीय टीम के लिये खेलूं.’ उन्होंने कहा, ‘जब मैंने यह पारी खेली थी तो मैं बहुत ही भावुक अवस्था में था इसलिए यह मेरी पांच वनडे पारियों में शामिल होगी.’

वहीं सेंचुरियन में 2003 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ शोएब अख्तर के खिलाफ छक्का और वो विस्फोटक 98 रन शीर्ष पांच में शामिल हैं. उन्होंने कहा, ‘यह दबाव वाला मैच था और मैं अपने तरीके से बल्लेबाजी कर सकता था. सेंचुरियन की पारी वर्ल्ड कप में मेरे सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में से एक होगी.’बी 

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