एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार हरियाणा में अगर कोई गैर विधायक मुख्यमंत्री या फिर मंत्री नियुक्त होता है, तो बेशक उसे उसकी नियुक्ति से छह महीने की अवधि के भीतर प्रदेश विधानसभा का सदस्य (विधायक) निर्वाचित होना संवैधानिक तौर पर आवश्यक है, परंतु जहां तक ऐसे गैर विधायक मुख्यमंत्री अथवा मंत्री को मिलने वाले वेतन और भत्ते जैसी सुविधाओं का सवाल है, वह उन्हें मिलेंगी।
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी विधायक निर्वाचित हुए बिना भी मुख्यमंत्री के रूप में पूरे वेतन के हकदार हैं। मुख्यमंत्री के तौर पर वेतन प्राप्त करने के लिए उन पर विधानसभा सदस्य वेतन कानून लागू नहीं होगा। मौजूदा 17वीं लोकसभा का कार्यकाल पूरा होने तक नायब सिंह सैनी सांसद के तौर पर भी वेतन-भत्ते प्राप्त कर सकेंगे।
नायब सैनी कुरुक्षेत्र से सांसद हैं तथा फिलहाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद का दायित्व भी संभाल रहे हैं। भाजपा ने नायब सिंह सैनी को सांसद रहते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री पद का दायित्व सौंपा है।
मुख्यमंत्री के तौर पर नायब सिंह सैनी को वेतन के साथ-साथ भत्ते भी मिलेंगे, लेकिन उन्हें निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और टेलीफोन भत्ता नहीं मिल सकेगा। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार के अनुसार हरियाणा में अगर कोई गैर विधायक मुख्यमंत्री या फिर मंत्री नियुक्त होता है, तो बेशक उसे उसकी नियुक्ति से छह महीने की अवधि के भीतर प्रदेश विधानसभा का सदस्य (विधायक) निर्वाचित होना संवैधानिक तौर पर आवश्यक है, परंतु जहां तक ऐसे गैर विधायक मुख्यमंत्री अथवा मंत्री को मिलने वाले वेतन और भत्ते जैसी सुविधाओं का सवाल है, वह उन्हें मिलेंगी।
मुख्यमंत्री को सत्कार भत्ता विधायक बनने से पूर्व भी प्राप्त होगा। इसके अतिरिक्त उन्हें सरकारी आवास या उसकी एवज में निर्धारित भत्ता, सरकारी गाड़ी या उसकी एवज में वाहन भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र में कार्यालय के खर्चे हेतु भी भत्ता प्रदान करने का प्राविधान है। हर मुख्यमंत्री और हर मंत्री को प्राप्त होने वाले वेतन और भत्तों दोनों पर आयकर (इन्कम टैक्स) का भुगतान भी प्रदेश सरकार के खजाने से किया जाएगा। चूंकि मुख्यमंत्री नायब सिंह वर्तमान 14वीं हरियाणा विधानसभा के फिलहाल सदस्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें निर्वाचन क्षेत्र भत्ता भत्ता और निर्वाचन क्षेत्र में कार्यालय के खर्चे प्राप्त नहीं होंगे।