सोशल मीडिया पर आजकल अवैध प्लाटिंग का ट्रेंड चल रहा है। अवैध प्लाटिंग का सौदा कर लोगों के साथ जमकर धोखाधड़ी चल रही है। चिंता की बात है कि जमीन खरीदने-बेचने के नाम पर लोगों को लाखों रुपयों का चूना लग जाता है। एमडीडीए की भी लोगों से अपील की है कि जमीन खरीदने वक्त सतर्कता जरूर बरतें।
देहरादून शहर में अवैध प्लॉटिंग का सौदा करने के लिए सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। अवैध प्लॉटिंग के फोटो और वीडियो देखकर लोग झांसे का शिकार हो रहे हैं। प्राधिकरण ने फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने को इंतजाम नहीं किए हैं। ऐसे में खरीदार प्लॉट खरीद तो लेते हैं, पर उनका नक्शा पास नहीं हो पाता।
ऑनलाइन प्लॉटों का प्रचार प्रसार करने के लिए सोशल मीडिया पर प्लॉटिंग के फोटो और वीडियो बड़ी संख्या में अपलोड किए जा रहे हैं। प्लॉटिंग के फोटो वीडियो देखकर कई लोग उपलब्ध फोन नंबर पर फोन करते हैं। फिर उन्हें आधी अधूरी जानकारी देकर झांसे का शिकार बना लिया जाता है।
उधर एमडीडीए के फेसबुक पेज पर ही 34 हजार से ज्यादा फॉलोअर हैं। जिसके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा सकता है। प्राधिकरण की वेबसाइट पर सौ के आसपास अवैध प्लॉटिंग की सूची दर्ज है। इन इलाकों में धड़ल्ले से चल रही अवैध प्लॉटिंग : अवैध प्लॉटिंग के सबसे ज्यादा मामले शिमला बाईपास, विकासनगर क्षेत्र, मालदेवता, सहस्त्रधारा में पकड़ में आ रहे हैं।
अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ एमडीडीए की टीमें निरंतर कार्रवाई कर रही है। सोशल मीडिया पर यदि कोई अवैध प्लॉटिंग का प्रचार प्रसार करता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। ले आउट पास है या नहीं, इसकी लोगों को स्पष्ट रूप से जानकारी दी जानी चाहिए। एमडीडीए के स्तर से टीम गठित कर निगरानी की जाएगी।