स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों के लिए जारी हुए सख्त आदेश
ए.डी.सी. (विकास) सोनम चौधरी ने बुधवार को स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और स्वास्थ्य विभाग की मासिक प्रगति की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में पीने वाले पानी की शुद्धता सुनिश्चित बनाया जाए। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उन्होंने दोनों संस्थाओं के जिला प्रमुखों को इस बात को सुनिश्चित बनाने के लिए कहा कि इन सभी स्थानों के पानी के सैंपल की जांच सुनिश्चित की जाए और जहां भी कोई खामी मिले तो उसे तुरंत प्रभाव से दूर किया जाए। ए.डी.सी. ने कहा कि स्कूलों में दिए जाते दोपहर के खाने और आंगनबाडी केन्द्रों में दिए जाते संतुलित भोजन की गुणवत्ता भी सुनिश्चित की जाए।
जिला शिक्षा अफसर डॉ. गिन्नी दुग्गल ने बताया कि जिले के स्कूलों में 89 हजार 203 विद्यार्थियों को मिड-डे मील की सुविधा दी जाती है, जिसमें सप्ताह में एक दिन शनिवार को फल (केला) भी दिए जाते हैं। जिला प्रोग्राम अफसर गगनदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों में दी जाती पोषक खुराक की गुणवत्ता की विशेष तौर पर जांच की है। जिला शिक्षा अफसर ने बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत जिले में अप्रैल माह में 5000 विद्यार्थियों के लिए 30 लाख रुपये की यूनिफार्म ग्रांट और जुलाई में 45459 विद्यार्थियों के लिए 272 लाख रुपये की यूनिफार्म ग्रांट मिली जो ब्लॉक प्राइमरी शिक्षा अफसरों के जरिए मुहैया करवाई जा रही है। इसके अलावा जिले में प्राइमरी क्लासों को 2 लाख 32 हजार 220 किताबें, अपर प्राइमरी को 5 लाख 39 हजार 318 किताबें और कॉमर्स के विद्यार्थियों के लिए 5627 किताबें सरकार द्वारा मुफ्त मुहैया करवाई गई।
डायरिया और हैजा की रोकथाम के लिए प्रबंध करने के निर्देश
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का सिविल सर्जन डॉ. दविंदर कुमार पुरी के नेतृत्व में हुई समीक्षा मीटिंग के दौरान ए.डी.सी. ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के.) के तहत स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों की निरंतर स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित बनाने के लिए कहा। स्वास्थ्य विभाग द्वारा किए जाते टीकाकरण व अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों का जायजा लेते हुए ए.डी.सी. ने विभाग के अधिकारियों को इन दिनों में पानी और बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए सतर्क रहने और तुरंत प्रभाव से बचाव प्रबंध करने के लिए कहा। उन्होंने जल सप्लाई और सेनिटेशन विभाग की सहायता से पीने वाले पानी के सैपलों की निरंतर जांच के अलावा डेंगू-मलेरिया सहित मच्छरों से पैदा होने वाली बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने को कहा।