कैथल में लघु सचिवालय में एडीसी सी जय श्रद्धा से मिलकर ज्ञापन दिया गया। चालान के विरोध में निजी स्कूल संचालकों ने तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की है। निजी स्कूल संचालकों ने रविवार को एक होटल में बैठक कर रणनीति बनाई थी। आरटीए विभाग पर संचालकों का आरोप है कि बेवजह परेशान किया जा रहा है।
महेंद्रगढ़ जिले में हुए स्कूल बस हादसे के बाद आरटीए की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद कैथल में नाराज स्कूल संचालक व आरटीए आमने-सामने हैं। नाराज निजी स्कूल संचालकों ने सोमवार से हड़ताल शुरू कर दी है। उधर, लघु सचिवालय में एडीसी को मिलकर ज्ञापन भी दिया।
आरटीए की कार्रवाई से नाराज स्कूल मालिकों ने गत रविवार को करनाल रोड स्थित एक निजी होटल में बैठक कर आगे की रणनीति बनाई थी। इसमें सोमवार से तीन दिन की हड़ताल का निर्णय लिया था। इसके तहत आज जिलेभर के स्कूल बंद रखे। वहीं, चालान के विरोध में एडीसी सी जय श्रद्धा से भी मिले।
मांगों के ज्ञापन में निजी स्कूल संचालकों ने आरोप लगाया कि उन्हें बेवजह ही परेशान किया जा रहा है। इसके बाद एडीसी ने निजी स्कूल संचालकों को अप्रैल महीने तक का बसों में कमियां दूर करने का समय दिया। एडीसी से मिलने वाले निजी स्कूलों के प्रतिनिधिमंडल में जिले के 100 से अधिक स्कूलों के संचालक शामिल रहे।
गौरतलब है कि आरटीए विभाग की ओर से की गई कार्रवाई के तहत अब तक ढाई लाख रुपये का चालान राशि वसूली गई है।
निजी स्कूल संचालकों ने ये हैं मांग
निजी स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारी डॉ. वरुण जैन ने बताया कि इस समय आरटीए विभाग की ओर से निजी स्कूल संचालकों को उनकी बसों की पासिंग करवाने के लिए माह में दो दिन का समय दिया गया है। जबकि यदि इस दौरान मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर छुट्टी कर ले या बस में कमी मिल जाए तो वे बस संचालित नहीं हो पाती हैं। ऐसे में एक महीने की प्रक्रिया में तीन महीने का समय लगता और स्कूल संचालक को नुकसान हाेता है। इसलिए महीने में कम से कम 15 दिन तक बसों की पासिंग की प्रक्रिया शुरू की जाए। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अब आरटीए विभाग की ओर से जब्त की गई बसों की चालान राशि भरकर सभी बसों को छोड़ा जाए, ताकि स्कूल संचालकों को बसों को चलाने में परेशानी न हो।
तीन दिन में 53 बसों का किया चालान, 16 की जब्त
जिले में 500 निजी स्कूलों की करीब 1500 बसें हैं। इनमें से आरटीए विभाग की ओर से निजी स्कूलों की बसों की जांच के तहत तीन दिन में 53 बसों की जांच की गई है जबकि इन बसों का करीब ढ़ाई लाख रुपये का जुर्माना किया गया है। आरटीए विभाग के जिला सचिव शीशपाल ने बताया कि सोमवार को जांच का कार्य नहीं किया गया है। इसको लेकर डीसी प्रशांत पंवार की तरफ से विभाग के अधिकारियों की बैठक होनी है। इस बैठक के बाद ही बसों की जांच की आगामी रणनीति बनाई जाएगी।