पंजाबराज्य

स्वतंत्रता दिवस समारोह में हंगामा: लुधियाना में शहीद परिवारों ने फेंके सम्मान…

लुधियाना की पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी में 15 अगस्त को स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों के परिजनों को सम्मानित करने के लिए समाराेह का आयोजन किया गया था। समारोह में आए लोग बदइंतजामी पर भड़क गए और तोहफे फेंक दिए।

स्वतंत्रता दिवस पर लुधियाना की पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी में स्वतंत्रता सेनानी और शहीद परिवारों के लिए रखे गए सरकारी सम्मान समारोह में जबरदस्त हंगामा हो गया।

समागम के मुख्य मेहमान कैबिनेट मंत्री और आप प्रधान अमन अरोड़ा को शहीद परिवारों और स्वतंत्रता सेनानी परिवारों के विरोध का सामना करना पड़ा। हालांकि अमन अरोडा सब से हाथ जोड़कर माफी मांगते रहे लेकिन गुस्साए लोगों ने सरकार द्वारा दिए गए सम्मान चिह्न और तोहफे वहीं फेंक दिए और सरकार समेत जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।

शहीद और स्वतंत्रता सेनानी परिवारों ने जिला प्रशासन द्वारा गठित समागम प्रबंधकीय कमेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अमन अरोड़ा ने माना कि सरकार और जिला प्रशासन समागम के पुख्ता प्रबंध करने में नाकमयाब रहा है। उन्होंने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ एक्शन लेने का भी भरोसा दिया।

यह है पूरा मामला
स्वतंत्रता सेनानी आश्रित संघ पंजाब के जिला प्रधान चेतनदीप सिंह और प्रेस सचिव मंदीप सिंह ने बताया कि 14 अगस्त को डीसी लुधियाना हिमांशु जैन ने संघ के साथ बैठक करके कहा था कि स्वतंत्रता दिवस पर सम्मान समारोह के लिए प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं। समागम में स्वतंत्रता सेनानी और शहीद परिवारों को सम्मानित किया जाएगा। एडीसी आरपी सिंह को प्रबंधक लगाया गया है, लेकिन सम्मान समारोह में परिवारों के बैठने के लिए कुर्सियां भी कम पड़ गई। धूप से बचने के लिए टेंट भी छोटा पड़ गया।

सुबह 8 बजे से बैठे परिवारों के लिए खाने पीने का भी प्रबंध भी पुख्ता नहीं था। एक छोटी बोतल देने के बाद लोगों को पानी भी नहीं मिला। तोहफे और सम्मान चिन्ह भी कम पड़ गए। इस नाराजगी में, जिन्हें तोहफे और सम्मान चिह्न मिला, उन्होंने भी इन्हें फेंक दिया।

यूनिवर्सिटी के गेट पर तैनात पुलिस और अन्य सुरक्षाकर्मी परिवारों को अंदर भेजने से पहले परेशान करते रहे। परिवारों ने सरकार द्वारा जारी शिनाख्ती कार्ड भी दिखाए इसके बावजूद भारी जद्दोजहद के बाद उन्हें अंदर जाने दिया गया। चेतनदीप सिंह और मंदीप सिंह ने कहा कि पंजाब सरकार ने पिछले साढ़े तीन साल में शहीद और स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की एक मांग पूरी नहीं की और आज उन्हें अपमानित किया गया। सरकार और जिला प्रशासन के पास शहीद और स्वतंत्रता सेनानी परिवारों की पूरी लिस्ट होने के बावजूद सम्मान चिन्ह और तोहफे कम पड़ गए। समागम में डीसी हिमांशु जैन, पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा और अन्य जिला अधिकारी भी मौजूद थे।

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