स्वाद में जितना लजीज है, सेहत के लिए उतना ही दिलअजीज है सूप
विकल्प किसे नहीं पसंद, जब हर विकल्प मनचाहा हो तो क्या ही बात है! इसी विविधता से भरा है सूप। मसालों और सामग्रियों के साथ आप प्रयोग करते जाएं और आपको मिलता है हर बार एक नए स्वाद का सूप। तभी तो न केवल रेस्त्रां और होटलों में, बल्कि घर की पार्टियों और समारोहों में भी सूप की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है।
सूप अब केवल एक स्टार्टर या एपेटाइजर नहीं रहा, बल्कि यह एक लोकप्रिय व्यंजन बन चुका है, जिसे लोग अकेले या मुख्य भोजन के रूप में पसंद करते हैं। विभिन्न संस्कृतियों में महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ रहा सूप लंबे समय से अपनी गर्माहट, स्वाद और पोषण के लिए सराहा जाता रहा है। हाल के वर्षों में, यह व्यंजन उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं, स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और खाद्य उद्योग के विकास के कारण तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रहा है। सूप का इतिहास और इसका सांस्कृतिक महत्व भी बहुत गहरा है।
जैसा देश वैसा भेष
सूप का इतिहास 2000 ईसा पूर्व से है, जब इसे मांस, सब्जियों और अनाज से पोषक तत्व निकालने के लिए बनाया गया था। विभिन्न संस्कृतियों में सूप पोषण, स्वास्थ्य और सामुदायिक भावना का प्रतीक बनकर उभरा। यूनानी भोज से लेकर खाद्य- बताशी के घोंसले जैसे चीनी औषधीय शोरबा तक, सूप में ऐसी परंपराएं समाहित हैं जो विभिन्न क्षेत्रों के अवयवों, कृषि विधियों और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाती हैं। जैसे फ्रांस में मलाईदार बिस्क के साथ ही फ्रेंच ओनियन सूप फ्रांसीसी पाक कला को उजागर करता है।
जापान में पारंपरिक मिसो सूप सदियों से मुख्य व्यंजन का सहज विकल्प रहा है। इसी तरह मैक्सिको में टमाटर, तले हुए टार्टिला और मसालों के मिश्रण से तैयार टार्टिला सूप खूब पसंद किया जाता है। वहीं, वियतनाम का फो सुगंधित मसालों से भरपूर लोकप्रिय सुगंधित सूप है, जिसे चावल के नूडल्स और ताजी जड़ी-बूटियों के साथ परोसा जाता है। पूर्वी यूरोप में चुकंदर से तैयार होने वाला खट्टा-मीठा सूप बोर्स्ट काफी लोकप्रिय है। न्यू इंग्लैंड के मलाईदार चौडर्स सूप से लेकर थाईलैंड के मसालेदार और खट्टा टाम यम सूप आदि दुनिया भर के सूप क्षेत्रीय व्यंजनों की विविधता को दर्शाते हैं।
हम नहीं किसी से कम
भारत में भी अपने-अपने क्षेत्रों की समृद्ध पाक परंपराओं और विविध स्वाद वाले सूप की विविधता उपलब्ध है। नारियल के दूध और दक्षिण भारतीय मसालों के साथ तैयार होने वाला मसालेदार मुलिगटावनी सूप जितना तमिलनाडु में पसंद किया जाता है, उतना ही मजेदार है महाराष्ट्र में टमाटर, मसालों और गुड़ के साथ बनने वाला टौमेटो सार। पूर्वोत्तर भारत में भारतीय-चीनी प्रभाव के चलते मसालेदार सब्जी, कुरकुरे तले हुए नूडल्स के साथ लहसुन के प्रभावी स्वाद वाला मानचाउ सूप का नाम सबसे ऊपर है तो वहीं असम में कच्चे पपीते से बनने वाला खार सूप बड़े चाव से खाया-पिया जाता है, जिसमें केले के छिलकों का स्वाद भी होता है। लद्दाख और सिक्किम जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में मिलने वाले नूडल्स सूप थुकपा की सुगंध तो दिल्ली-मुंबई जैसे क्षेत्रों में
मौजूद इनके स्पेसेफिक रेस्त्रां में आने वाले लोगों को भी लुभाती है।
हो रहे हैं ढेरों प्रयोग
बेहतरीन सूप बनाने के लिए सबसे जरूरी है ताजा सामग्री और विविध स्वादों का सही मिश्रण। सूप बनाने वाले के अंदाज के अनुसार ढलकर एक विशिष्ट स्वाद में बदल जाता है। तभी तो आज हर छोटे-बड़े होटल-रेस्त्रां के शेफ पारंपरिक व्यंजनों के साथ सूप में वैश्विक सामग्रियों को शामिल कर रहे हैं। इन दिनों थाई नारियल करी, स्मोक्ड सूप से लेकर सेब और कद्दू से बनने वाले मीठे सूप काफी लोकप्रिय हैं। प्लांट बेस्ड डाइट से लेकर डेयरी-फ्री डाइट को फालो करने वाले लोगों के लिए भी विकल्प उपलब्ध हैं। सूप के ये नए अंदाज इस पारंपरिक भोजन को ताजा स्वाद दे रहे हैं।
स्वाद के साथ सेहत की बात
सूप स्वाद में जितना लजीज है, सेहत के लिए उतना ही दिलअजीज है। तमाम सब्जियों और मसालों से बना सूप आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीआक्सीडेंट का समृद्ध स्रोत तो है ही साथ ही सर्दी के दिनों में डिहाइड्रेशन से बचाने का बेहतर तरीका होता है। कुछ सूप ऐसी सामग्रियों से तैयार होते हैं जो सर्दी और फ्लू दूर करने में मदद करते हैं। यदि आप कम कैलोरी वाला खाना खाकर पेट भरना चाहते हैं तो सूप आपके लिए श्रेष्ठ है। तो अगली बार जब आप आपको कुछ अच्छा खाने का मन करे तो बस सूप का ही चयन करें। यह आपके भोजन के अनुभव को बढ़ाएगा और शरीर को पोषण भी दे जाएगा!