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हरियाणा: एक दिन में रिकॉर्ड बिजली खपत, 34 लाख यूनिट की बढ़ोतरी

भीषण गर्मी में बिजली खपत का नया रिकॉर्ड बन गया है। दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के 28 मई को 14.70 करोड़ यूनिट की बिजली आपूर्ति की गई। 27 मई को यह आपूर्ति 14.26 करोड़ थी। एक दिन में 34 लाख यूनिट की खपत बढ़ गई। पिछले साल 28 मई की बात करें तो उस दिन तापमान कम होने के कारण बिजली की मांग कम रही।

28 मई 2023 को 840.97 लाख बिजली यूनिट की आपूर्ति हुई थी। इस वर्ष 1470.32 लाख यूनिट की आपूर्ति हुई है। पिछले साल के इसी दिन के से तुलना करें तो 74.84 प्रतिशत अधिक खपत रही। सबसे अधिक खपत गुरुग्राम में रही। पिछले 15 दिन में बिजली की मांग 30 प्रतिशत के करीब बढ़ चुकी है। घरेलू उपभोक्ताओं की खपत में सबसे अधिक बढ़ोतरी हो रही है। बिजली निगम के अनुसार कुछ चुनिंदा घंटों में खपत सर्वाधिक होती है। इसमें दोपहर 1 से 5 बजे तक का समय है।

बिजली की खपत का ब्योरा
गुरुग्राम सर्कल एक : 188.12 लाख यूनिट
गुरुग्राम सर्कल दो : 294.22 लाख यूनिट
फरीदाबाद सर्कल : 254.81 लाख यूनिट
पलवल सर्कल : 93.31 लाख यूनिट
नारनौल सर्कल : 60.04 लाख यूनिट
रेवाड़ी सर्कल : 97.72 लाख यूनिट
भिवानी सर्कल : 102.72 लाख यूनिट
जींद सर्कल : 82.83 लाख यूनिट,
हिसार सर्कल : 115.27 लाख यूनिट
फतेहबाद सर्कल : 79.69 लाख यूनिट
सिरसा सर्कल : 101.59 लाख यूनिट

दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम की आपूर्ति
तारीख आपूर्ति

2 मई 9.81 करोड़ यूनिट
13 मई 11.39 करोड़ यूनिट
22 मई 14.34 करोड़ यूनिट
23 मई 14.30 करोड़ यूनिट
24 मई 14.63 करोड़ यूनिट
25 मई 13.83 करोड़ यूनिट
26 मई 13.13 करोड़ यूनिट
27 मई 14.26 करोड़ यूनिट
28 मई 14.70 करोड़ यूनिट

अधिकारी के अनुसार
बिजली निगम का स्ट्रक्चर मजबूत होने के चलते 48 से 50 डिग्री तापमान के बीच भी हम उपभोक्ताओं की मांग के अनुरूप बिजली आपूर्ति कर रहे हैं। बढ़ती गर्मी के मध्य नजर तकनीकी खामियां आने पर उन्हें तुरंत ही ठीक कर आपूर्ति बहाल की जा रही है। बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए आपूर्ति की जा रही है। – पीसी मीणा, प्रबंधक निदेशक, डीएचबीवीएन,हिसार।

25 दिन से खेदड़ की यूनिट-2 बंद, चीन से बुलाए इंजीनियर
खेदड़ थर्मल प्लांट की दूसरी यूनिट को 25 दिन बाद भी चालू नहीं किया जा सका। दरअसल यूनिट नंबर दो के रोटर में खराबी आई थी, जिसके बाद चीन से नए रोटर के लिए ऑर्डर किया गया था। नए रोटर को मिलने में समय लग रहा था। इसी बीच प्लांट को चलाने के लिए पुराना रोटर ले लिया गया। पुराने रोटर से वैकल्पिक व्यवस्था की आपूर्ति शुरू कर दी गई थी।

अब मार्च अप्रैल में नया रोटर आने के बाद उसे लगाया गया। नया रोटर लगाने के बाद टर्बाइन में कंपन अधिक हो रही थी। जिसे कम करने का प्रयास किया जा रहा है। बीएचईएल के इंजीनियर करीब 15 दिन में भी इसे ठीक नहीं कर पाए तो अब चीन से इंजीनियर बुलाए गए हैं। चीन के दो इंजीनियर अब रोटर को ठीक करने में जुटे हैं। यूनिट नंबर एक 600 के बजाय 450 मेगावाट बिजली उत्पादन कर रही है।

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