राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मुक्केबाज मनोज कुमार ने बीते दिन संन्यास का ऐलान कर दिया। मुक्केबाज मनोज कुमार हरियाणा के कैथल का रहने वाला है। अब वह नई पारी की शुरुआत करेंगे और मुक्केबाजों को कोचिंग देंगे। दो बार के ओलंपियन मनोज 2012 लंदन और 2016 रियो दि जिनेरियो दोनों में प्री क्वार्टरफाइनल तक पहुंचे थे।
1997 में शुरू किया था मुक्केबाजी करियर
बताया जा रहा है कि मनोज ने अपना मुक्केबाजी करियर 1997 में जूनियर स्तर पर शुरू किया था और 2021 में पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान से कोचिंग डिप्लोमा हासिल किया था। चोटों और चयन मुद्दे पर राष्ट्रीय महासंघ के साथ विवाद के कारण उनका करियर गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के बाद थम गया और वह इसके बाद किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में नहीं खेले।
जानें क्या रही संन्यास लेने की वजह
हरियाणा के कैथल के इस मुक्केबाज ने कहा, अब मैं 40 साल का हो गया हूं तो यह सोच समझकर लिया गया फैसला है क्योंकि अंतरराट्रीय नियमों के अनुसार एमेच्योर प्रतियोगिताओं में हिस्सा नहीं ले सकता।
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