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हरियाणा के सरकारी कर्मी करप्ट, हर दूसरे दिन पकड़े जा रहे… पुलिस महकमा नंबर वन

प्रदेश में भ्रष्टाचार का हाल यह है कि गिनती अब महीने-साल से नहीं बल्कि रोजाना कितने सरकारी कर्मचारी पकड़े गए इससे होने लगी है। राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने वर्ष 2025 के आठ माह यानी 212 दिनों में 105 केस दर्ज कर 141 लोगों को रिश्वतखोरी के आरोप में दबोचा है। एसीबी के हत्थे चढ़ने वालों में 112 सरकारी अधिकारी व कर्मचारी और 29 निजी व्यक्ति शामिल हैं। सरकारी मुलाजिमों में प्रथम श्रेणी के अफसर से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक के कर्मचारी शामिल हैं।

भ्रष्टाचार मामलों में पुलिस विभाग नंबर वन
औसतन हर दो दिन में एक सरकारी कर्मचारी रिश्वत लेते हुए दबोचा गया है। सरकारी महकमों में सबसे ज्यादा पुलिस विभाग में 33 और दूसरे नंबर पर राजस्व विभाग में 17 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। रिश्वत के जाल में एक प्रथम श्रेणी अधिकारी, आठ द्वितीय श्रेणी अधिकारी, 95 तृतीय श्रेणी कर्मचारी और आठ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी फंसे हैं। भ्रष्टाचार की इस फेहरिस्त में ऊपर से नीचे तक सबका नाम है। पकड़े गए कुल 141 लोगों से कुल 85 लाख 33 हजार 900 रुपये की रिश्वत राशि बरामद की गई है।

यही नहीं हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण, पंचायती राज, श्रम, खजाना-लेखा और शिक्षा विभाग में भी दो-दो कर्मचारी धरे गए हैं। इसी तरह वन, खाद्य निगम, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सिंचाई और न्यायिक विभाग जैसे 12 अन्य महकमों के नाम भी इस रिश्वतखोरी की सूची में शामिल हैं।
स्थायी से लेकर ठेके पर तैनात कर्मचारी तक दबोचे

रिकॉर्ड के अनुसार पकड़े गए 112 सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों में 104 कर्मचारी नियमित सरकारी नौकरी में थे जबकि 8 लोग हरियाणा कौशल रोजगार निगम और अनुबंध आधार पर कार्यरत पाए गए हैं। यानी सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार के आरोपी स्थायी भी हैं और ठेके पर दोनों तरह के कर्मचारी हैं।

पिछले साल के मुकाबले 8 माह में 24 मामले ज्यादा
पिछले साल की तुलना में इस साल रिश्वतखोरी के आरोप में ज्यादा लोग एसीबी के हाथ लगे हैं। 2024 के पहले आठ महीनों में 81 ट्रैप केस हुए थे जबकि इस बार 105 हो गए। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में रिश्वतखोरी भी बाकायदा विकास दर से बढ़ रही है।

रिश्वतखोरी के मामलों में लगातार गिरफ्तारियां जारी हैं। इस साल अगस्त तक 141 आरोपियों को दबोचा गया है जिनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई व अदालती प्रक्रिया जारी है। राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत इसी तरह लगातार सख्त प्रहार जारी रहेगा।

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