फरीदाबाद के मनोज कुमार जायसवाल ने 2012 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि अकेले फरीदाबाद में 550 से अधिक स्कूल गैर-मान्यता प्राप्त हैं। याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
हरियाणा में मौजूद 282 गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों पर इस सत्र से ताला लगेगा और इन स्कूलों में दाखिला न हो इसे सुनिश्चित करने के लिए अखबारों में इन स्कूलों की सूची प्रकाशित की जाएगी।
यदि इन स्कूलों का संचालन किया गया तो इसे अपराध मानकर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने सभी जिलों के डीईओ को पत्र जारी कर दिया है। यह जानकारी गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों को लेकर लंबित याचिका पर हरियाणा सरकार ने हाईकोर्ट में सौंपी है।
फरीदाबाद के मनोज कुमार जायसवाल ने 2012 में हाईकोर्ट में याचिका दायर कर बताया था कि अकेले फरीदाबाद में 550 से अधिक स्कूल गैर-मान्यता प्राप्त हैं। याचिका पर हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। हाईकोर्ट को बताया गया कि राज्य में न केवल फरीदाबाद, बल्कि कई अन्य जिलों में भी बड़े पैमाने पर गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल चलाए जा रहे हैं। इनके खिलाफ सरकार कार्रवाई नहीं कर रही। जबकि आरटीई एक्ट 2009 और हरियाणा एजुकेशन एक्ट के तहत ऐसे स्कूलों के खिलाफ राज्य के शिक्षा निदेशक कार्रवाई कर सकते हैं। हाईकोर्ट ने 2012 में याचिका का निपटारा करते हुए हरियाणा सरकार को चार महीने में सर्वे कर गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों की सूची बना उन पर कार्रवाई के लिए कहा था।
कार्रवाई न होने की दलील देते हुए 2019 में हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल कर फिर से सुनवाई की अपील की गई। इस अर्जी पर हरियाणा सरकार ने जवाब सौंपते हुए बताया कि पूरे प्रदेश में अस्थायी मान्यता वाले 327 और गैर मान्यता वाले 282 स्कूल हैं।
सरकार ने निर्णय लिया है कि अस्थायी मान्यता प्राप्त स्कूलों को तभी नए सत्र में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी, जब वे शर्तों को पूरा करेंगे। बिना मान्यता प्राप्त चल रहे स्कूलों को अब नए सत्र में छात्रों को प्रवेश देने की अनुमति नहीं होगी। यदि कोई स्कूल संचालित हुआ तो हरियाणा स्कूल एजुकेशन रूल 2003 के अनुसार इसे अपराध माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इन स्कूलों में लोग अपने बच्चों का दाखिला न करवाएं इसके लिए अखबारों में इन स्कूलों की सूची प्रकाशित करवाई जाएगी। आदेश का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई है। इस जानकारी पर हाईकोर्ट ने अर्जी का निपटारा कर दिया।
हरियाणा सरकार को चाहिए कि वह गैर मान्यता प्राप्त और अस्थाई मान्यता वाले स्कूलों को लेकर मानवीय दृष्टिकोण से फैसला ले। नियमों में छूट दी जाए, ताकि सभी स्कूल मान्यता ले सकें। यह केवल बच्चों के भविष्य से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि स्कूलों में हजारों की संख्या में तैनात स्टाफ के रोजगार का भी मामला है। -सत्यवान कुंडू, राज्य प्रधान, प्राइवेट स्कूल संघ हरियाणा