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अंबाला शहर में भाजपा की राजनीति में अक्सर पूर्व मंत्री असीम गोयल ही सक्रिय दिखाई देते हैं। यहां पर मंत्री विज की दखलंदाजी कम ही रहती है। विधानसभा चुनाव में भी विज ने सिटी से दूरी बनाई थी।
नगर निकाय चुनावों में भाजपा कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है। यही कारण है कि चुनाव प्रचार समिति का गठन हो या अब संयोजक नियुक्त करना, इन फैसलों में भाजपा कहीं न कहीं नेताओं के बीच के मनमुटाव काे चुनाव के बहान दूर करना चाहती है। भाजपा के प्रदेशीय नेतृत्व ने संयोजकों की सूची जारी की है।
इस सूची में केबिनेट मंत्री अनिल विज का कद बढ़ाया है तो वहीं पूर्व राज्य मंत्री असीम गोयल के क्षेत्र में भी विज को संयोजक बनाकर चुनाव की अहम जिम्मेदारी पार्टी ने दी है। पार्टी ने मंत्री विज को नगर परिषद चुनाव को लेकर कैंट में जिम्मेदारी दी है। वहीं नगर निगम मेयर के उप चुनाव को लेकर सिटी में भी संयोजक बनाया है। उनके साथ सिटी के मेयर चुनाव में पूर्व राज्य मंत्री असीम गोयल भी संयोजक बनाए गए हैं। ऐसे में इस फैसले से दोनों नेताओं को करीब लाने की कोशिश की जा रही है।
चुनाव प्रचार समिति के गठन में भी दिखा था असर
कुछ समय पहले ही भाजपा ने निकाय चुनाव को लेकर चुनाव प्रचार समिति का गठन किया था। इसमें भी मंत्री विज, पूर्व मंत्री असीम गोयल और कालका विधायक शक्तिरानी शर्मा को मेयर चुनाव की जिम्मेदारी दी गई। इसी प्रकार इन तीनों नेताओं को नगर परिषद अंबाला कैंट के चुनाव में भी लगाया गया।
अंबाला शहर की राजनीति में कम ही हस्तक्षेप करते हैं विज
अंबाला शहर में भाजपा की राजनीति में अक्सर पूर्व मंत्री असीम गोयल ही सक्रिय दिखाई देते हैं। यहां पर मंत्री विज की दखलंदाजी कम ही रहती है। विधानसभा चुनाव में भी विज ने सिटी से दूरी बनाई थी। इससे पहले भी विज ने अपनी विधानसभा में ही रहने की बात कही गई थी।