
मानसून में बारिश और जलभराव बाद अब संक्रमण लोगों को सताने लगा है। क्षेत्र में टाइफाइड, पेट दर्द और दस्त-उल्टियों के रोग से लोग पीड़ित हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉ कुलदीप शर्मा ने कहा कि रोजाना उनके पास दर्जनों मरीज टाइफाइड और उल्टियां-दस्त से पीड़ित आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि दस्त से तो लोग बहुत ही बेहाल हैं। पीने के पानी और खाने की चीजें दूषित होने के कारण संक्रमण की समस्या पैदा हो रही है वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी काफी संख्या में मरीज इन बीमारियों को लेकर इलाज के लिए आ रहे हैं।
टाइफाइड में मरीजों को बुखार कई दिन तक रह रहा है और उल्टियां दस्त के कारण मरीजों में कमजोरी भी हो जाती है। यह बीमारियां उन्हीं क्षेत्रों में ज्यादा हो रही हैं, जहां बारिश के पानी से संक्रमण फैला है। एएसएमओ डॉ बीरबल सिंह ने बताया कि रोजाना करीब 40-50 मरीज अस्पताल में आ रहे हैं और उन्हें उपयुक्त इलाज के बाद घर भेज रहे हैं। यह बीमारियां गंदगी के कारण पैदा हो रही हैं। इसलिए हिदायत है कि साफ सुथरा भोजन करें और हाथ धोकर ही कुछ खाएं-पीएं। पानी को उबालकर पीएं। बाहर का कुछ भी खाने से बचें। यदि बीमार होते हैं तो तुरंत डॉक्टर से इसका इलाज कराएं।
एएसएमओ डॉ. बीरबल सिंह ने बताया कि विभाग की ओर से टीमें गठित की गई हैं। किसी संक्रमण वाले क्षेत्र की हमें जानकारी मिलती है तो टीम वहां जाकर दवाइयां उपलब्ध करवाती है। प्रत्येक गांव में आशा वर्कर घर-घर जाकर क्लोरिन की गोलियां बांट रही हैं और दवाइयां भी दे रही हैं। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति थी, उनमें विभाग की ओर से विशेष शिविर लगाने की तैयारी की गई है। अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में दवाइयां हैं। आगामी समय में गंदे पानी के कारण मच्छर पैदा हो सकते हैं जो बीमारियां बढ़ा सकते हैं। ऐसे में नगरपालिका क्षेत्र और गांवों में फोगिंग करवाई जाएगी।