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हरियाणा- ब्राह्मण समाज ने मृत्यु भोज और दहेज पर लगाया प्रतिबंध

हरियाणा के ब्राह्मण समाज में आने वाले दिनों में न तो मृत्यु भोज और न ही दहेज का लेनदेन ही होगा। ब्राह्मण समाज ने आगे आकर इन प्रथाओं पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। समाज के जागरूक लोग इसे पहले खुद अपनाएंगे उसके बाद अन्य लोगों को इसके लिए जागरूक करेंगे। फिलहाल इसको रोकने को लेकर किसी प्रकार दंड नहीं रखा गया है। समाज ने इसके साथ ही राजनीतिक हक मांग की है। उन्होंने विधानसभा की 20-22 सीटें ब्राह्मण बहुल बताई हैं और सबसे अधिक टिकट देने वाले दल का समर्थन करने का फैसला लिया।

समस्त ब्राह्मण समाज का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन पानीपत के एसडीवीएम सिटी में रविवार को आयोजित किया गया। इसके संंयोजक पानीपत जिलाध्यक्ष सतीश शर्मा रहे। सम्मेलन में 16 जिलों के प्रधान शामिल हुए। करीब तीन घंटे चली बैठक में सात प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। प्रधान सतीश शर्मा ने कहा कि दहेज प्रथा और मृत्यु भोज पर प्रतिबंध लगाना जरूरी है।

समाज के लोग मृत्यु भोज नहीं करेंगे और बेटे की शादी में एक रुपया दान के रूप में लिया जाएगा। इसको लेकर समाज के लोग एकजुट हैं। प्रदेश स्तर पर कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा। यह कमेटी अपने सारे फैसले लेगी। इसके गठन को लेकर सभी जिलों से एक-एक सदस्य लिया गया है।

यह कमेटी जल्द ही प्रदेशाध्यक्ष और कार्यकारिणी का गठन करेगी। इसको लेकर पिछले दिनों हिसार में भी बैठक की गई है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों ने अब तक समाज का शोषण किया है। उनको केवल वोट लेने तक सीमित रखा गया है। समाज के इक्का-दुक्का लोगों को टिकट दी गई है, जबकि 20 से 28 विधानसभाओं में ब्राह्मण मजबूत हैं।

विधानसभा में नाम भी प्रदेश की कमेटी तय करेगी। संबंधित पार्टी इन नामों पर विचार कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक टिकट देने वाले दल के साथ समाज होगा। उन्होंने कहा कि समाज को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से मजबूत बनाने को लेकर अलग-अलग विंग काम करेंगी।

ये सब विंग प्रदेशाध्यक्ष की देखरेख में काम करेंगी। इस मौके पर ब्राह्मण सभा झज्जर के महासचिव संत शर्मा, रोहतक के प्रधान नरेश गौड़, गुरुग्राम से डीपी कौशिक, हिसार से सुरेश शर्मा, राजकुमार, कैथल से विजय व अंबाला से चंद्र मोहन शुक्ला मौजूद रहे।

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