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हरियाणा में इस सीट पर आमने-सामने होगा चौटाला परिवार

हरियाणा में विधानसभा चुनावों के दौरान कुछ उम्मीदवारों में घमासान देखने को मिलेगा। वहीं जिले की डबवाली विधानसभा सीट पर इस बार देवीलाल परिवार में घमासान देखने को मिल सकता है। पिछले चुनाव में ऐलनाबाद से अभय चौटाला व रानियां से रणजीत चौटाला जीतकर विधानसभा पहुंचे। तो वहीं डबवाली से देवीलाल परिवार से माने जाने वाले अमित सिहाग भी पहुंचे, लेकिन इस बार डबवाली में इस परिवार में आमने-सामने की टक्कर हो सकती है।

बता दें कि जजपा ने दिग्विजय को यहां से उम्मीदवार घोषित कर दिया है। इसलिए ये सीट पहले ही सुर्खियों में आ गई है। दिग्विजय करीब 6 माह से सक्रिय हैं। ऐसे में इनेलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला की पत्नी कांता चौटाला भी मैदान में दिखाई दे सकती हैं। उनका पार्टी में दो-तीन संभावित उम्मीदवारों में सबसे ऊपर नाम है। वे पिछले दो-तीन साल से डबवाली में सक्रिय हैं।

क्यों खास है ये डबवाली सीट
गौरतलब है कि सिरसा की डबवाली सीट पर पूर्व में देवीलाल भी विधायक रहे हैं। बाद में ये सीट आरक्षित हो गई। साल 2000 से ये सीट इनेलो का गढ़ बन चुकी थी। 2009 में खुद अजय चौटाला तो बाद में उनके जेल जाने के बाद उनकी पत्नी नैना चौटाला 2014 में इनेलो के टिकट पर जीतकर विधानसभा पहुंचीं। नैना चौटाला परिवार की पहली महिला सदस्य हैं, जो चुनावी राजनीति में हिस्सा लेकर विधायक बनीं। हालांकि, 2019 आते-आते पारिवारिक कलह के कारण इनेलो टूटी और इसी के साथ ही उसका इस सीट पर से वर्चस्व भी समाप्त हो गया। कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनाव में उससे ये सीट छीन ली।नैना भी डबवाली छोड़ बाढड़ा चली गईं। जहां से वर्तमान में वो विधायक हैं।

ऐसे में अब दिग्विजय चौटाला के कंधे पर परिवार की इस पुरानी सीट को चौटाला कुनबे के पास वापस लाने की जिम्मेदारी के साथ-साथ खुद को हार की हैट्रिक से बचने की कोशिश भी होगी। उन्हें इन दिनों क्षेत्र में काफी पसीना बहाते हुए देखा जा सकता है। 33 वर्षीय दिग्विजय चौटाला इस अग्नि परीक्षा में कितना कामयाब हो पाते हैं। ये तो आने वाला समय ही बताएगा।

बहरहाल, 2019 में डबवाली विधानसभा सीट पर आए परिणाम की बात करें तो यहां कांग्रेस के अमित सिहाग ने बीजेपी के आदित्य देवीलाल को 15 हजार से अधिक मतों से हराया था। आदित्य ताऊ देवीलाल के सबसे छोटे बेटे जगदीश चौटाला के बेटे हैं। वो इस बार भी बीजेपी से टिकट हासिल करने की कोशिश में लगे हुए हैं। अगर बीजेपी उन्हें टिकट देती है तो फिर इस सीट पर चाचा-भतीजे के बीच रोचक चुनावी लड़ाई देखने को मिल सकती है।

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