
परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) छेड़छाड़ केस में पकड़े गए आरोपियों ने प्रदेश के हर जिले में लोगों का व्यवसाय बदला था। साइबर पुलिस की तरफ से पीपीपी ओथॉरिटी की जांच रिपोर्ट के साथ अदालत में पेश की गई चार्जशीट में सामने आया है कि आरोपियों ने सबसे ज्यादा कैथल जिले में लोगों के व्यवसाय में बदलाव किया।
चार्जशीट के मुताबिक, कैथल में 9558 लोगों के परिवार पहचान पत्र में व्यवसाय बदलकर मजदूर दिखाया गया। आरोपी नीरज ने कैथल के 6535 पात्रों को मजदूर बनाया, वहीं मोहम्मद सैफ ने 1941 और विकास ने 1082 पात्रों के पीपीपी में बदलाव कर उन्हें मजदूर दिखाया।
कैथल के बाद हिसार जिले के 7191 लोगों के पीपीपी में बदलाव हुआ। हिसार में नीरज ने 3319, मोहम्मद सैफ ने 1273, विकास ने 2599 लोगों को मजदूर दिखाया। वहीं, जींद जिले में 6053 लोगों के पीपीपी में बदलाव कर मजदूर बनाने की बात सामने आई है। विकास ने जींद जिले के 1369, मोहम्मद सैफ ने 659, नीरज ने 4025 लोगों के पीपीपी में बदलाव किया।
आरोपियों ने अपने जिले में नहीं की छेड़छाड़
खास बात यह है कि आरोपियों ने अपने जिले के बजाय दूसरे जिलों के पीपीपी में सबसे ज्यादा बदलाव किए। दरअसल, आरोपियों को मालूम था कि अपने एरिया में पीपीपी बदलाव फ्री में करना पड़ेगा, जबकि दूसरों क्षेत्रों के पीपीपी में बदलाव करने पर मोटी राशि मिलेगी। नूंह जिले से पकड़े गए दोनों आरोपियों ने अपने जिलों या गांव के किसी पीपीपी में व्यवसाय में गलत तरीके से बदलाव नहीं किया। इसी प्रकार विकास ने भी झज्जर जिले या संबंधित अपने गांव के किसी पात्र के पीपीपी में गलत तरीके से बदलाव नहीं किए।
जानें किस जिले में कितने पीपीपी में व्यवसाय बदले
कैथल 9558
हिसार 7191
जींद 6053
अंबाला 2126
भिवानी 3137
चरखीदादरी 812
फरीदाबाद 2006
फतेहाबाद 2477
गुरुग्राम 857
झज्जर 322
करनाल 2676
कुरुक्षेत्र 2228
महेंद्रगढ़ 855
पलवल 1395
पंचकूला 160
पानीपत 2249
रेवाड़ी 975
रोहतक 1596
सिरसा 1434
सोनीपत 1912
यमुनानगर 1561
नूंह 89