हरियाणा में पिछले 2 दिनों से मानसून एक्टिव है। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने 12 जिलों में मौसम खराब रहने की संभावना जताई है। इनमें 10 जिलों कैथल, करनाल, सोनीपत, झज्जर, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, पलवल और रेवाड़ी में हैवी रेन को देखते हुए अलर्ट पर रखा है। प्रदेश में 31 अगस्त तक ऐसे ही हालात रहने के आसार हैं।
बताया जा रहा है कि मानसून सीजन में सूबे में बारिश अभी तक 59% काम बारिश हुई है। वैसे प्रदेश में 326.2% बारिश होती है, लेकिन इस बार अभी तक 266.8% बारिश ही हुई है। वहीं यदि अगस्त की बात करें तो राज्य में 101.8 मिमी सामान्य बारिश होनी चाहिए थी, लेकिन अब तक 135.6 मिमी बारिश हुई है।
जानें कहां कितनी हुई बारिश
हरियाणा में 7 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे में झमाझम बारिश हुई। बारिश से कई जगह जलभराव हो गया। कई इलाकों में घंटों बिजली गुल हो गई। सबसे ज्यादा बारिश गुरुग्राम में हुई, यहां 14.0 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा हिसार में 10.5 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई। पानीपत में 7.0 एमएम, कुरुक्षेत्र में 1.5 एमएम, बारिश हुई। इन जिलों के अलावा जींद, रोहतक, कैथल में भी मौसम में बदलाव देखने को मिला, यहां भी कुछ एक स्थानों पर हल्की बूंदाबांदी देखी गई।
जुलाई में कम हुई बारिश
हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।