राज्यहरियाणा

हरियाणा में MBBS परीक्षा घोटाले में आया नया मोड़

हरियाणा के MBBS एनुअल, सप्लीमेंट्री एग्जाम घोटाले में जांच के दौरान एक और नया मामला सामने आया है। इससे चल रही जांच की इंटीग्रिटी पर चिंताएं और भी बढ़ गई हैं। दरअसल, यह उल्लंघन डॉ. एमके गर्ग की अध्यक्षता वाली 3 मेंबरी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी द्वारा की गई जांच के दौरान हुआ, जो MBBS एग्जाम में गड़बड़ी की जांच कर रही थी।

पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक के एक अधिकारी 11 फरवरी को जारी किए गए इस लीक दस्तावेज में एक निजी कॉलेज के कुछ MBBS छात्रों की उत्तर पुस्तिकाओं के बारे में जानकारी थी। इस मामले का खुलासा खुलासा तब हुआ जब लीक डॉक्यूमेंट की कर्मचारी ने अपने मोबाइल फोन से लेटर की तस्वीर खींची, जिसमें अनजाने में उसका अंगूठा तस्वीर में आ गया।

बाद में यह तस्वीर वायरल हो गई और संबंधित निजी कॉलेज तक पहुंच गई, जिससे पत्र में रजिस्टर्ड छात्रों में चिंता पैदा हो गई। लीक की जानकारी मिलने पर यूएचएसआर के कुलपति डॉ एचके अग्रवाल ने तुरंत आंतरिक जांच शुरू की। जांच में दस्तावेज को संभालने वाले सभी अधिकारियों के अंगूठे के निशानों की जांच की और सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की, जिससे लीक के लिए जिम्मेदार कर्मचारी की पहचान की पुष्टि हुई।

सीसीटीवी फुटेज में कथित तौर पर कर्मचारी को दस्तावेज पकड़े हुए फोटो खींचते हुए दिखाया गया, जिससे उसकी पहचान हो गई। कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया और डॉ. अग्रवाल ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की। अधिकारी ने कहा कि उसका नाम, यूएचएसआर के 16 अन्य अधिकारियों के साथ, एफआईआर में शामिल है, जिसमें निजी कॉलेज के 24 MBBS छात्रों के नाम भी शामिल हैं।

यूएचएसआर ने कई सुधार किए लागू
रोहतक पीजीआई के अधिकारियों का कहना है कि इस केस में संलिप्त पाए जाने पर किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा। भविष्य में ऐसी चूक को रोकने के लिए, यूएचएसआर ने कई सुधार लागू किए गए हैं।

हमने मेडिकल और पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों में परीक्षा पत्रों के लिए ऑन-द-स्पॉट मूल्यांकन प्रणाली शुरू की है। इसके अलावा निजी मेडिकल कॉलेजों के लिए परीक्षा केंद्र बदल दिए हैं और परीक्षा पर्यवेक्षकों को अधिक जवाबदेह बना दिया है।

Related Articles

Back to top button