
घग्गर को छोड़ हरियाणा में सभी नदियां शांत हो गई हैं। सिरसा में अब भी घग्गर खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। यहां ओटू हेड पर 27600 क्यूसेक पानी पहुंच रहा है जिससे 40 गांवों पर खतरा बना हुआ है। वहीं, कैथल के गुहला चीका में मंगलवार को घग्गर का 20 फीट तटबंध टूट गया जिससे आसपास के खेतों में पानी भर गया। हांसी-बुटाना नहर के साइफन से परेशाने ग्रामीणों ने कैथल-पटियाला स्टेट हाईवे पर जाम लगाकर प्रदर्शन किया।
हिसार में गांव दाहिमा-लाडवा के बीच सुबह घग्गर ड्रेन टूट गया। जलभराव से परेशान आर्यनगर के लोगों ने रोड जाम कर प्रदर्शन किया। जिले में 1 लाख एकड़ फसलें जलमग्न हैं और 35 गांवों ढाणियों में पानी भरा हुआ है। भिवानी के तिगड़ाना में जलभराव से परेशान लोगों ने जाम लगाया। सोनीपत में घरों में घुसा पानी उतरने लगा है।
झज्जर में ड्रेन नंबर-8 का जलस्तर कम हो रहा है लेकिन कॉलोनियों और खेतों में अब भी पानी जमा है। देव नगर कॉलोनी में कई घरों में दरार आ गई है। बहादुरगढ़ में मुंगेशपुर ड्रेन का जलस्तर चार इंच बढ़ा है। यमुनानगर में रात आठ बजे हथिनीकुंड बैराज से 37,800 क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
वहीं खेतों से पानी उतरने से बर्बाद हुई फसलें दिखने लगी हैं। सिरसा के गांव मीरपुर के पास बांध के नीचे से डाली गई पाइपलाइन में रिसाव शुरू हो गया। पहरा दे रहे किसानों ने जेसीबी की सहायता से रिसाव बंद किया है।
हिसार के 71 और सिरसा के 3 स्कूलों में भरा है पानी
हिसार जिले में 71 स्कूलों और तीन नेशनल हाईवे और एक स्टेट हाईवे पर अब भी जलभराव बना हुआ है। वहीं सिरसा में तीन सरकारी स्कूल चार से पांच फीट पानी में डूबे हुए हैं।
पानीपत में तेजी से हो रहा भूमि कटाव
पानीपत में यमुना का जलस्तर मंगलवार को खतरे के निशान से दो मीटर नीचे 229 मीटर रहा। अब जलस्तर घटने से भूमि कटाव भी तेज हो गया है। खोजकीपुर, नवादा-आर व पत्थरगढ़ में भूमि कटाव तेजी से हो रहा है। पत्थरगढ़ गांव में मंगलवार को कटाव और बढ़ गया है। यह करीब 35 एकड़ तक पहुंच गया है। जबकि सोमवार को 30 एकड़ में था। सिचाई विभाग ने मजदूरों के साथ खोजकीपुर गांव में कटाव बंद करना शुरू कर दिया है। वहीं पानी के चलते नवादा-आर गांव में कटाव बंद करने का काम शुरू नहीं हो पाया है।