उत्तराखंड

हिमालयी क्षेत्रों में भारी हिमपात के कारण संकटर बढ़,ग्लेशियर के करीब वाले गांवों के लिए बढ़ा खतरा

बीते दिनों उच्च हिमालय में हुए भारी हिमपात के चलते हिमस्खन होने लगा है। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के व्यास घाटी में कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग के निकट स्थित नपलच्यु गांव के तोक खगला में भारी हिमस्खलन हुआ है। गांव से हटकर नाले में हुए हिमस्खलन के चलते गांव बाल-बाल बचा है। बता दें कि धूप होने के बार से ग्लेशियर के करीब वाले गांवों के लिए खबरा बढ़ गया है।

आठ फीट से अधिक जमे हैं बर्फ

नपलच्यु गांव लिपुलेख मार्ग से लगा हुआ लगभग ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर गुंजी के सामने का गांव है। दोनो गांवों के बीच कुटी यांग्ती बहती है। नपलच्यु गांव के ऊपर पहाड़ पर ग्लेशियर हैं। यहां पर सीजनल ग्लेशियर भी काफी अधिक बनते हैं। इस वर्ष बीते दिनों उच्च हिमालय में भारी हिमपात हुआ है। जिसके चलते ग्लेशियरों में आठ फीट से अधिक ताजी बर्फ गिरी है। इधर दो दिन से धूप खिली है। गुरु वार को धूप हल्की थी । शुक्रवार को धूप में हल्की तपिश बढ़ी है। धूप की तपिश बढ़ते ही ग्लेशियरों के ऊप्पर गिरी ताजी बर्फ खिसकती है।

गांव के लोग धारचूला में प्रवास

नपलच्यु गांव के तोक खगला में शुक्रवार की सुबह ग्लेशियर से हिमस्खलन होने लगा। गनीमत रही कि हिमस्खलन गांव से लगभग पांच सौ मीटर दूर नाले में हुआ। जिससे गांव को कोई क्षति नहीं हुई है। इस समय गांव के लोग धारचूला में प्रवास कर रहे हैं। ताजा हिमपात के बाद उच्च हिमालय में ग्लेशियरों से ताजी बर्फ खिसकने से ठंडी हवाएं चल रही है। जिसका असर पूरे जिले में है।

हिमपात के बाद होते हैं हिमस्खलन

गुंजी गांव निवासी वयोवृद्ध मंगल सिंह गुंज्याल बताते हैं कि ताजा हिमपात के बाद इस तरह से हिमस्खलन होते रहते हैं। उच्च हिमालय में कई स्थानों पर इस तरह के हिमस्खलन हो रहे होंगे। ताजा बर्फ हल्की होती है और धूप खिलने के बाद चलने वाली हवा के साथ वह खिसक जाती है। पूरी पहाड़ी में गिरी ताजी बर्फ को अपने साथ लेकर खिसकती है। जिसके कारण बर्फीले तूफान आते हैं।

Related Articles

Back to top button