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हिरयाणा- जानिए बहुमंजिला इमारत बनाने के नए नियम

अगर आप भी हिरयाणा में बहुमंजिला इमारत बनाने की सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए जरूरी है। हरियाणा में कई मंजिला घर बनाने का प्‍लान बना रहे लोगों को नए नियमों की जानकारी होना जरूरी है। हाल ही में निर्माण स्वीकृति प्रक्रिया को सुचारू बनाने के लिए, हरियाणा डिस्ट्रिक्ट और टाउन प्लानिंग ने स्टिल्ट प्लस चार मंजिला इमारतों के लिए एक नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की हैं। अधिकारियों के अनुसार, एसओपी के अंतर्गत संपत्ति मालिकों को हरियाणा बिल्डिंग कोड विनियमों के तहत 60 दिनों के भीतर अधिभोग प्रमाण पत्र (ओसी) के लिए आवेदन करना अनिवार्य कर दी गई हैं। इसके अलावा जल्द ही चार मंजिला इमारतों की मंजूरी प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए एक नया पोर्टल लॉन्च किया जाएगा।

2 जुलाई को जारी किए गए नए नियमों और शर्तों के तहत स्टिल्ट प्लस चार मंजिल निर्माण की अनुमति दी गई है। 10 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित इमारतों के लिए मानचित्र अनुमोदन की अनुमति प्रदान की जाएगी, जिससे निर्माण कार्य को मानकीकृत करने और बिल्डिंग कोड का अनुपालन सुनिश्चित करने का उद्देश्य पूरा किया जा सके।

जिन्होंने पहले बना लिया है-

वहीं जिन निवासियों ने बिना स्वीकृत योजना के पहले ही चार मंजिला इमारतों का निर्माण कर लिया है, उन्हें 60 दिनों के भीतर ओसी के लिए आवेदन करना होगा। डीटीसीपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा जारी एसओपी में आवेदन की जरूरतें, पड़ोसी की सहमति, बेसमेंट निर्माण नियम, और दस्तावेज सत्यापन जैसे महत्वपूर्ण बिंदु शामिल हैं।

क्‍या कहते हैं रियल एस्‍टेट एक्‍सपर्ट

रियल स्टेट से जुड़े लोगों ने सरकार के इस कदम का स्वागत किया है। इनका मानना है कि यह नीति गुरुग्राम में बिल्डरों और घर खरीदने वालों के लिए नए अवसर लाएगी। प्रति प्लॉट चार स्वतंत्र यूनिट्स की अनुमति देकर, यह नीति हरियाणा बिल्डिंग नियमों का पालन करते हुए स्थान का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगी, जिससे संपत्ति की कीमत बढ़ेगी, शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, और लोगों का जीवन स्तर बढ़ेगा। रियल स्टेट के कारोबारी मानते हैं कि हरियाणा सरकार द्वारा स्टिल्ट-प्लस-चार मंजिल निर्माण की अनुमति देने का निर्णय न केवल लोगों के सपनों को पूरा करेगा बल्कि यह अफोर्डेबल हाउसिंग प्लॉट्स के लिए भी उत्प्रेरक का काम करेगा। 16 महीने के प्रतिबंध के बाद, यह मंजूरी हाउसिंग डिमांड को पूरा करने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।

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