18 पुराणों पर 14 दिन का शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करेगा बीएचयू
काशी हिंदू विश्वविद्यालय पुराणों पर आधारित शॉर्ट टर्म कोर्स शुरू करने जा रहा है। ‘अष्टादशपुराणों के प्रमुख प्रतिपाद्य’ विषय पर यह सर्टिफिकेट कोर्स ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन मोड में चलेगा। विश्वविद्यालय के आर्ट्स फैकल्टी में भारत अध्ययन केंद्र की ओर से यह विशेष पाठ्यक्रम 17 से 30 सितंबर तक चलेगा। यूजी और पीजी के छात्रों को 1200 रुपये देने पड़ेंगे। शिक्षक और रिसर्च स्कॉलर को 2500, एनआरआई के लिए 40 डॉलर की फीस रखी गई है।
भारतीय ज्ञान परंपरा से दूर हो रही नई पीढ़ी को जोड़ने के मकसद से बीएचयू का भारत अध्ययन केंद्र युवाओं को पुराणों की शिक्षा देगा। अलग-अलग विषय विशेषज्ञ 18 पुराणों के मुख्य-मुख्य विषयों की जानकारी छात्र-छात्राओं को देकर पुराणों के दुर्लभ ज्ञान से उन्हें परिचित कराएंगे। ‘अष्टादशपुराणों के प्रमुख प्रतिपाद्य’ विषय पर शुरू दो सप्ताह के शॉर्ट टर्म कोर्स के लिए पंजीकरण शुरू हो गया है।
17 से 30 सितंबर तक दोपहर में कक्षाएं चलाई जाएंगी। इस दौरान पुराण परिचय से लेकर सृष्टि एवं सृष्टि प्रक्रिया, भारतीय विद्याएं, पुराणगत धर्म एवं नीति, भगवतभक्ति, पुराणों में ऋषि एवं ऋषिकाएं, वंशावली, तीर्थ, व्रत, दान, काशी, प्रयाग और गया के महात्म्य के विषय विशेषज्ञ उन्हें शिक्षा देंगे।
कोर्स का लाभ यूजी-पीजी छात्र-छात्राओं से लेकर, शिक्षक, रिसर्च स्कॉलर, एनआरआई और विदेशी भी उठा सकते हैं। बीएचयू ने सभी के लिए कोर्स का अलग-अलग शुल्क निर्धारित किया है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
क्या बोले अधिकारी
पुराण लोगों को अपने मूल्यों के प्रति जागरूक करते हैं। ये जीवन जीने की कला सिखाते हैं। आज की युवा पीढ़ी भारतीय ज्ञान परंपरा से विमुख हो रही है। उन्हें यह बताने की जरूरत है कि हमारे ऋषि-मनीषियों ने जो ज्ञान पुराणों में दिए हैं, वे आज भी कितने प्रासंगिक हैं। इसलिए यह कोर्स शुरू किया जा रहा है। -डॉ. जया कुमारी पांडेय, कोर्स को-ऑर्डिनेटर भारत अध्ययन केंद्र बीएचयू