शेयर बाजार के साथ अब खाद्य तेलों पर भी दिखने लगा रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव, स्टाक सीमा लागू

अहमदाबाद, शेयर बाजार के साथ गुजरात में खाद्य तेलों पर भी रूस-यूक्रेन युद्ध का असर नजर आता है गुजरात सरकार ने खाद्य तेलों पर स्टाक सीमा लागू कर दी है। गुजरात में खाद्य तेल को लेकर एक बड़ी लाबी सक्रिय है यूक्रेन संकट का लाभ उठाकर वह खाद्य तेल के दाम को प्रभावित नहीं कर सके इसके लिए गुजरात सरकार ने त्वरित कदम उठाते हुए खुदरा व्यापारियों के लिए 30 क्विंटल थोक व्यापारियों के लिए 500 क्विंटल तेल संग्रहित करने की स्टॉक सीमा लागू कर दी है। बड़े थोक व्यापारियों के लिए तेल संग्रह की सीमा 1000 क्विंटल तथा कोयल नील मालिकों के लिए 90 दिनों की संग्रहण क्षमता निर्धारित की गई है इससे खाद्य तेल के भाव पर नियंत्रण रहेगा तथा कालाबाजारी पर रोक लगाई जा सकेगी।

गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में राज्य में मूंगफली तेल के दाम 2220 से 2275 प्रति 15 किलोग्राम हो गए थे। हाल में इनका दाम 2370 से 2425 रुपए के मध्य में है सरकार राज्य में खाद्य तेल के संग्रह वितरण एवं भाव को नियंत्रित रखना चाहती है ताकि रशिया यूक्रेन युद्ध की आड़ में तेल कारोबारी संग्रह खोरी कालाबाजारी नहीं कर सके। यूक्रेन दुनिया में सूर्यमुखी के तेल का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य माना जाता है भारत भी वहीं से सूर्यमुखी का तेल आयात करता है। गुजरात में पिछले कई माह से खाद्य तेलों के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है इनमें मूंगफली सोयाबीन सरसों का पास पामोलिन तथा सूर्यमुखी तेल प्रमुख गुजरात में इन खाद्य तेलों का उपयोग बड़े पैमाने पर होता है सरकार ने खाद्य तेलों के दाम नियंत्रित रखने के लिए यह कदम उठाया है।