पटना से सटे दानापुर में जदयू नेता दीपक कुमार मेहता की हत्‍या से लोगों में उबाल, पहले भी राजनेता बनते रहे हैं निशाना

राजधानी पटना से सटे दानापुर में जदयू नेता दीपक कुमार मेहता की हत्‍या से लोगों में उबाल है। जिस तरह से पुलिस चौकी के पास घटना को अंजाम दिया गया है इससे अपराधियों के बुलंद हौसले का पता चलता है। दीपक कुमार मेहता दानापुर नगर परिषद के उपाध्‍यक्ष थे। अपराधियों ने उन्‍हें छह गोलियां मारी। बता दें कि बिहार में राजनेताओं की हत्‍या की घटना नई नहीं है। पहले भी स्‍थानीय से लेकर जिला और राज्‍य स्‍तर तक के नेताओं की हत्‍या की घटनाएं हुई हैं।  

2018 में हुई कई नेताओं की हत्‍या 

पिछले कुछ सालों में देखें तो 2018 में कई नेताओं की हत्‍या कर दी गई। 12 मई को पटना में राजद नेता दीनानाथ की दिनदहाड़े गोली मार कर हत्‍या कर दी गई। इसके बाद छह जुलाई को नवादा में राजद नेता कैलाश पासवान की हत्‍या भी अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी। 16 जुलाई को सिवान में रालोसपा नेता संजय साह को हत्‍यारों ने गोलियों से भून दिया था। इसके बाद 13 अगस्‍त को रालोसपा के एक और नेता मनीष सहनी की हत्‍या वैशाली में कर दी गई। भोजपुर में माले नेता रमाकांत राम को 27 अगस्‍त को मार डाला गया। 14 सितंबर को गोपालगंज में जदयू नेता उपेंद्र सिंह की हत्‍या कर दी गई।

मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर को गोलियों से कर दिया था छलनी

मुजफ्फरपुर में वहां के कद्दावर नेता और पूर्व मेयर कांग्रेस नेता समीर कुमार को 24 सितंबर को अपरा‍धियों ने छलनी कर दिया था। इसके बाद रालोसपा के एक और नेता अमित भूषण की पटना में 14 नवंबर को हत्‍या कर दी गई। इसके बाद अपराधियों ने एक और रालोसपा नेता को निशाना बनाया। 30 नवंबर को पूूूर्वी चंपारण के प्रमोद कुशवाहा की जान ले ली। वर्ष जाते-जाते दिसंबर में पटना में भाजपा नेता और बिहार के बड़े व्‍यवसायी गुंजन खेमका की हत्‍या कर दी गई थी।    

पूर्णिया में हुई राजद नेता की हत्‍या

चार अक्‍टूबर 2020 की सुबह राजद के एससी-एसटी प्रकोष्‍ठ के प्रदेश सचिव रहे शक्ति मल्लिक की घर में घुसकर हत्‍या कर दी गई। इससे पहले पूर्णिया में ही 30 अप्रैल की रात लोजपा नेेता अनिल उरांव की गला दबाकर जान ले ली गई। सिवान में 12 जनवरी को जामो थाना क्षेत्र के सुल्‍तानपुर खुर्द निवासी भाजपा नेता जनार्दन सिंह पर अंधाधुंध फायरिंग कर बदमाशों ने मौत के घाट उतार दिया। 2022 में भी सिलसिला थमा नहीं। 16 फरवरी को समस्‍तीपुर में जदयू नेता खलील रिजवी की हत्‍या कर दी गई।