तिरंगे के जरिए बिहार में बना ये नया विश्व रिकार्ड, लाहौर में फहरे झंडे पर भारी पड़ा अपना तिरंगा

तिरंगे के जरिए बिहार में नया विश्व रिकार्ड बना है। शनिवार को आरा के जगदीशपुर के दुलौर में आयोजित विजयोत्सव में एक साथ 78031 तिरंगा लहराया गया। इस समारोह को गिनीज बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम ने विश्व रिकार्ड के तौर पर दर्ज कर दिया। पूर्ण वैज्ञानिक तरीके से सभा में तिरंगा लहराते हुए लोगों की गणना की गई। इसके साक्षी गृह मंत्री अमित शाह एवं भाजपा के अन्य बड़े नेता बने। इससे पहले यह रिकार्ड पाकिस्तान के नाम था। एक मार्च 2014 को लाहौर के नेशनल हाकी स्टेडियम में 56618 झंडे एक साथ लहराए गए थे। जगदीशपुर के दुलौर में बिहार के कोने-कोने से जुटे लोगों में पड़ोसी देश पाकिस्तान का रिकार्ड तोड़ने का जोश उफान मार रहा था। अंतत: इसे कर दिखाया। इसके लिए बीते कई दिनों से भाजपा के बड़े नेता और कई केंद्रीय मंत्री गांव-गांव जाकर लोगों को न्योता दे रहे थे। 

कृषि मंत्री अमरेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज कराने के लिए तय प्रक्रिया का पालन करना होता है। गिनीज बुक की टीम को पहले ही केंद्रीय कला एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से यहां रिकार्ड बनने की जानकारी दे दी गई थी। इसके बाद उन्होंने अपनी छह सदस्यीय टीम को यहां पूरी प्रक्रिया को देखने के लिए भेजा था। पारदर्शी तरीके से तिरंगा लहराने की संख्या की पुष्टि करने के लिए गुडग़ांव की आइटी कंपनी आइडी टेक साल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को गणना की जिम्मेदारी दी गई थी। 

क्यूआर कोड से हुई सभा में मौजूद लोगों की गणना 

विश्व रिकार्ड के लिए तय मानक के तहत सभा स्थल की पूरी घेराबंदी की गई थी। चारों ओर बने 50 प्रवेश द्वार से ही लोगों की इंट्री कराई जा रही थी। गेट के पहले ही लोगों के हाथ में क्यूआर कोर्ड बने रिस्ट बैंड लगाए गए। गेट पर इंट्री प्वाइंट पर इस क्यूआर कोड को स्कैन किया जा रहा था। इस पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई जा रही थी। सभा स्थल में प्रवेश करते ही सभी को डंडे में लगा तिरंगा झंडा दिया जा रहा था। आइटी कंपनी के तकनीकी विशेषज्ञ अभय कृष्ण सिंह ने बताया कि दोपहर एक से दो बजे तक सर्वर एक्टिव रखा गया। इस दौरान अंदर प्रवेश करने वालों की संख्या दर्ज हुई। ठीक 1.53 बजे राष्ट्रगान शुरू हुआ और इसके बाद अमित शाह के भाषण के दौरान लोग तिरंगा लहराते रहे। दो बजे के बाद सर्वर ने सभा में आए लोगों की संख्या बतानी शुरू की। गणना के अंतिम चरण में रिकार्ड बन गया। यह सूचना जैसे ही प्रसारित की गई, पूरा माहौल भारत माता की जय के गगनभेदी नारे में डूब गया।  

असम से मंगाए थे डंडे, देश भर से आया था तिरंगा

पटना और दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों से तिरंगा झंडा मंगवाए गए थे। वहीं, झंडा लहराने के लिए असम से डंडे मंगवाए गए थे। बता दें कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में 23 अप्रैल को बाबू कुंवर सिंह के शौर्य और पराक्रम के लिए शान और अदब से याद किया जाता है।