शनि जयंती के दिन कुछ उपायों को करने से शनि के अशुभ प्रभाव होंगे कम-

शनिदेव का नाम सुनते ही लोग डर जाते हैं। अक्सर लोगों को लगता है कि शनिदेव हमेशा अशुभ फल ही प्रदान करते हैं जबकि ऐसा नहीं है। शनिदेव को नवग्रहों में न्यायाधीश का दर्जा प्राप्त है। शनिदेव हर जातक को उसके कर्म के हिसाब से फल देते हैं। हालांकि शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के दौरान शनिदेव थोड़ा कष्टकारी साबित होते हैं। जीवन एक बार हर व्यक्ति को शनि की ढैय्या व साढ़ेसाती का सामना करना पड़ता है। कहा जाता है कि शनि के अशुभ प्रभावों को दूर करने व शनि कृपा पाने के लिए शनि जयंती का दिन खास है। शनि जयंती इस साल 19 मई 2023 को है। जानें शनि जयंती के दिन किन 5 राशियों के जातक करें उपाय-

इन राशियों पर चल रही शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या-

वर्तमान में कुंभ, मीन व मकर राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण मीन राशि, दूसरा चरण कुंभ राशि और तीसरा व अंतिम चरण मकर राशि वालों पर चल रहा है। शनि की ढैय्या का प्रभाव कर्क व वृश्चिक राशि पर है।

शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित जातक शनि जयंती के दिन करें ये उपाय-

1. शनि कृपा पाने के लिए शनि जयंती के दिन शनि मंदिर में शनिदेव को उड़द, काला तिल, गुड़ अर्पित करें। इसके बाद आटे से बना चौमुखा दीया में सरसों का तेल डालकर उसे जलाएं और शनिदेव की आरती करें।

2. शनि जयंती के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए काली चीटियों को खाने के लिए आटे में चीनी मिलाकर डालें। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ऐसा करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

3. शनि जयंती के दिन शनिदेव का आशीर्वाद पाने के लिए किसी जरूरतमंद व्यक्ति को शनि संबंधित चीजों का दान करना चाहिए। जैसे- काले जूते, काला छाता, काला तिल, काले कपड़े, काला कंबल और खिचड़ी का दान करना चाहिए।

4. शनि जयंती के दिन शनिदेव का आशीर्वाद पाने के लिए शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए।

5. शनि को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए।

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