रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग का अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के संचालन पर नहीं पड़ा कोई असर,लौटे अंतरिक्ष यात्री
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़ी जंग ने पूरे विश्व का माहौल अशांत कर दिया है। इस तनाव का असर अंतरिक्ष में घूम रहे अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर भी देखा जा रहा है। पिछले दिनों रूस ने धमकी दी थी कि यदि उस पर प्रतिबंधों को नहीं हटाया गया तो आईएसएस दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। रूस की इस धमकी के बाद अब नासा ने कहा है कि इस तनाव का कोई असर आईएसएस पर नहीं पड़ा है। नासा का कहना है कि इसमें काम करने वाले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, जिन्हें इस माह के अंत में वापस आना है वो भी तय समय पर वहां से सुरक्षित वापस आ जाएंगे। नासा का कहना है कि रूस और यूक्रेन की जंग का असर भविष्य में इस स्पेस स्टेशन के संचालन पर नहीं पड़ेगा।
आपको बता दें कि जब से ये जंग शुरू हुई है तभी से ही अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के संचालन को लेकर सवाल उठ रहे हैं। रूस अपने ऊपर लगे प्रतिबंधों से बौखल कर अब स्पेस स्टेशन को लेकर धमकी देने लगा है। इससे पहले उसने यूरोप को गैस सप्लाई रोकने की धमकी दी थी। गौरतलब है कि अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन के संचालन में रूस की एक अहम भूमिका रही है। अमेरिका भी अपने यात्रियों को वापस लाने के लिए रूस की मदद लेता रहा है। रूस के सुयोज कैप्सूल का इस्तेमाल अब तक भरोसे के रूप में अमेरिका करता रहा है।
यहां पर ये भी बताना जरूरी है कि मौजूदा समय में जो अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहा है उससे पहले रूस का ही स्पेस स्टेशन, जिसका नाम मीर था स्थापित था। विश्व के पहले इस स्थाई अंतरिक्ष स्टेशन मीर को 20 फरवरी 1986 को अंतरिक्ष में स्थापित किया गया। 23 मार्च 2001 को इसका खत्म कर दिया गया था। इसके बाद ये न्यूजीलैंड और चिली के बीच के समुद्र में गिर गया था।