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गुजरात दौरे पर हैं राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्‍द, आजादी के अमृत महोत्सव समारोह के तहत विधानसभा को किया संबोधित

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा (President Ram Nath Kovind) में भाग लिया और सदन के सदस्यों को संबोधित किया। सदन के अध्यक्ष डॉ. निमाबेन आचार्य ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का स्वागत किया। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि यह संबोधन गुजरात विधानसभा में ऐसे समय में हुआ जब हमारा देश स्वतंत्रता का अमृत पर्व मना रहा है।

आजादी में सबसे आगे गुजराती

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि यह संबोधन गुजरात विधानसभा में ऐसे समय में हुआ जब हमारा देश स्वतंत्रता का अमृत पर्व मना रहा है। स्वतंत्रता और उसके अमृत उत्सव के संदर्भ में गुजरात के अलावा कोई उपयुक्त स्थान नहीं है। स्वतंत्र भारत की कल्पना करने वालों में गुजरात के लोग सबसे आगे थे।

महात्‍मा गांधी को किया याद

कोविंद ने कहा कि युग प्रवर्तक गांधीजी ने दुनिया को नया दर्शन दिया, विश्व में कहीं पर भी हिंसा होती है तो महात्मा गांधी का सत्य अहिंसा का सिद्धांत याद आता है। दांडी मार्च ने स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी वही बारडोली सत्याग्रह ने देश को एक नया नायक दिया। जिसके संसदीय इतिहास में गुजरात के कई लोगों ने अनूठा योगदान दिया।

एंटरप्राइजेज व इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं गुजराती

गुजरात की धरती ने देश को कई जननायक दिए। गुजरात में सरदार पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टेचू ऑफ यूनिटी कि स्थापना की लेकिन देश के लोगों के दिलों में सरदार का कद उससे भी ऊंचा है। गुजरात में देश की एकता की झलक मिलती है सोमनाथ विध्वंस हो अथवा गुजरात में आया विनाशकारी भूकंप हर बार गुजरात उठ खड़ा हुआ। गुजराती दुनिया में एंटरप्राइजेज व इनोवेशन के लिए जाने जाते हैं। देश में हुई श्वेत क्रांति गुजरात के सहकारिता की परंपरा का परिणाम है।

गुजरात ने दिए विक्रम साराभाई और होमी भाभा जैसे वैज्ञानिक

राष्ट्रपति ने नरसिम्हा मेहता के भजन वैष्णव वजन को यह कहकर याद किया। इसके साथ ही पलिताना, गिर, वडनगर समेत कई मंदिरों ने एकता की मिसाल पेश की है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में गुजरात का योगदान है। गुजरात ने विक्रम साराभाई और होमी भाभा जैसे वैज्ञानिक दिए हैं।

गुजरात मॉडल पर चर्चा

सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गुजरातियों की देशभक्ति विश्व प्रसिद्ध है। मोरारजी देसाई के बाद प्रधानमंत्री मोदी गुजरात से आने वाले दूसरे प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ मिलकर काम करने का अवसर मिला है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम होती है। लोग अपने प्रतिनिधियों को नियति मानते हैं। गुजरात मॉडल पिछले कुछ सालों से चर्चा में है।

मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उनकी पूरी टीम को साधुवाद 

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्‍द ने कहा कि गुजरात की विकास यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए मुख्‍यमंत्री भूपेंद्र पटेल और उनकी पूरी टीम को भी साधुवाद देता हूं। गुजरात विधानसभा को संबोधित करने से पहले राष्ट्रपति ने वहां उपस्थित गणमान्‍यों का आभार जताया और कहा कि लोकतंत्र के मंदिर में आकर बहुत प्रसन्‍नता हो रही है। आजादी और उसके अमृत महोत्सव समारोह मनाने के लिए गुजरात सबसे उपयुक्‍त है। स्‍वतंत्र भारत की कल्‍पना करने वालों में गुजरातवासी अग्रणी थे।

गौरतलब है कि राष्ट्रपति के विधानसभा में आने का समय 10 बजकर 50 मिनट बताया गया था। राष्ट्रपति, जो भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी हैं, शुक्रवार को जामनगर में आइएनएस वलसुरा पर प्रतिष्ठित प्रेसिडेंशियल कलर प्रदान करेंगे।

इसके लिए विधानसभा के सभी सदस्यों को सुबह 10 बजकर 30 मिनट पर सदन में उपस्थित होने के लिए कहा गया था। क्योंकि राष्ट्रपति के सुबह आने का समय 10 बजकर 50 बजे आने का समय बताया गया था। उनके सदन में पहुंचने के बाद पुलिस बैंड राष्ट्रगान बजाएगा। सदन के सभी सदस्यों को यह भी निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रपति के जाने तक अपनी सीट न छोड़ें। राष्ट्रपति भारतीय सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर भी हैं, वह शुक्रवार को जामनगर में आईएनएस वलसुरा को प्रतिष्ठित प्रेसिडेंशियल कलर से सम्मानित करेंगे। 

बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के कारण सदन की कार्यवाही के कार्यक्रम में बदलाव की भी घोषणा की। गुरुवार को इसकी दो बैठकें होनी थीं, लेकिन अब राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद सदन की एक बैठक होगी।

शुक्रवार को भारतीय नौसेना ने राष्ट्रपति को प्रस्तुत किए जाने वाले 150-सदस्यीय गार्ड ऑफ ऑनर के साथ एक औपचारिक परेड की व्यवस्था भी की है। इस खास समारोह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, एडमिरल आर. हरि कुमार, नौसेनाध्यक्ष, वाइस एडमिरल एम.ए. हम्पीहोली सहित अन्य वरिष्ठ नागरिक और सैन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित रहेंगे।

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