गुजरात और महाराष्ट्र में ओमिक्रोन के नए वैरिएंट XE के मामलों के सामने आने के बाद देशभर में सतर्कता बरती जा रही है। इस बीच देश की राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों के चलते आम आदमी पार्टी सरकार भी सक्रिय हो गई है। इसको लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि कोरोना संक्रमण से चिंतित होने की जरूरत नहीं है। अस्पतालों में अभी मरीज नहीं बढ़ रहे हैं। दिल्ली सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ने पर आरटी-पीसीआर टेस्टिंग की संख्या बढ़ाई जाएगी। घर से बाहर मास्क पहनकर निकलें। उन्होंने यह भी कहा कि एक्सई वैरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से ‘वैरिएंट आफ कंसर्न’ की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है।
वहीं, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि मुख्यमंत्री के आदेश पर करीब 37 हजार कोविड बेड और 10,594 कोविड आइसीयू बेड बनाए जा चुके हैं। सरकार की तरफ से दो हफ्ते के अंदर दिल्ली के हर वार्ड में 100 आक्सीजन बेड बढ़ाने की योजना है। ऐसे में दिल्ली सरकार की योजना 65 हजार बेड तैयार करने की है।
मामले बढ़े तो होम आइसोलेशन सिस्टम होगा लागू
फिर केस बढ़े तो होम आइसोलेशन सिस्टम लागू होगा। हल्के लक्षणों वाले मरीजों को घर पर ही बेहतर उपचार मिलेगा। एएनएम, आशा, पैरामेडिकल वर्कर्स के साथ सीडीवी की टीमें मरीजों के घर जाकर आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए सूचित करेंगी। टीमें मरीज के स्वास्थ्य का आकलन करेंगी और आक्सीमीटर के साथ होम आइसोलेशन किट मुहैया कराएंगी। टेली-कालर टीमें सुबह और शाम के समय फोन कर मरीज के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी लेंगी। हालत गंभीर होने पर उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा।
कोरोना के 366 नए मामले
राजधानी दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर शुक्रवार को 2.39 प्रतिशत से बढ़कर 3.95 प्रतिशत हो गई। इस वजह से कोरोना के 366 नए मरीज मिले। पिछले 24 घंटे में किसी मरीज की मौत नहीं हुई। इसके साथ ही 209 मरीज ठीक हुए। ऐसा 71 दिन बाद हुआ जब संक्रमण दर चार प्रतिशत के करीब पहुंची है। इससे पहले तीन फरवरी को संक्रमण दर 4.3 प्रतिशत थी।
आक्सीजन क्षमता में किया इजाफा
उधर, दिल्ली सरकार की ओर से आक्सीजन क्षमता में भी इजाफा किया गया है। वर्तमान में दिल्ली सरकार के पास लिक्विड मेडिकल आक्सीजन स्टोरेज (एलएमओ), लिक्विड मेडिकल आक्सीजन बफर, पीएसए प्लांट समेत 1363.73 मीटिक टन आक्सीजन की क्षमता है। वहीं, मेडिकल इंस्टीट्यूशन के पास 217 मीटिक टन तक आक्सीजन सिलेंडर की क्षमता है। इसके अलावा इमरजेंसी में इस्तेमाल के लिए 6,000 डी टाइप के सिलेंडर रिजर्व में रखे गए हैं।