अनियमित जीवनशैली बिगाड़ सकती है आपकी सेहत, इन बातों का रखें खास ख्याल
बीते सप्ताह बालीवुड के मशहूर पाश्र्व गायक केके की कोलकाता में एक कंसर्ट के दौरान मौत हो गई। परफारमेंस देते समय केके की तबियत बिगड़ी और इतना वक्त भी नहीं मिला कि अस्पताल में उन्हें प्रारंभिक उपचार मिल पाता। चिकित्सकों के अनुसार उनकी मौत हृदयाघात से हुई। कुछ वर्षों पूर्व तक यही माना जाता था कि हृदयाघात होने की आशंका बुजुर्गों या उन लोगों में अधिक रहती है, जो किसी गंभीर बीमारी अथवा हृदय रोग से पीड़ित होते हैं।
अब जिस तरह से जीवनशैली बदल रही है, उसी तरह से हृदय से जुड़ी बीमारियों में परिवर्तन देखने को मिल रहे हैं। इसलिए यह सुनिश्चित कर पाना कठिन है कि इसकी चपेट में कौन नहीं आ सकता है। आज हृदयाघात सेहत के लिए गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। इससे बचने का एक ही उपाय है कि जीवनशैली अनुशासित हो और हृदय रोगों से जुड़े प्रारंभिक लक्षणों की अनदेखी न की जाए।
तनाव से रहें दूर: तनाव वर्तमान में सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्या है और इसकी वजह पारिवारिक, इच्छाओं को पूरा न कर पाना, करियर और कार्यक्षेत्र में काम का दबाव आदि हो सकता है। इससे सिर्फ हृदय ही नहीं शरीर की पूरी कार्य प्रणाली प्रभावित होती है। तनाव की वजह से कार्टिसोल हार्मोन असंतुलित होता है, जो कोलेस्ट्राल का लेवल बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। इससे ब्लडप्रेशर अनयिंत्रित होता है और वजन तेजी से बढ़ता है, जो हृदयाघात की आशंका को कई गुना बढ़ा देता है।
इन बातों का रखें खयाल
- तनाव से बचें
- पर्याप्त नींद लें
- वजन नियंत्रित रखें
- शारीरिक सक्रियता बनाए रखें
- चाय, काफी का सीमित सेवन करें
- अल्कोहल व तंबाकू का सेवन न करें
- वसा वाले खाद्य पदार्थों का सीमित सेवन करें
- किसी भी बीमारी से ग्रसित होने पर हृदय की सेहत को नजरअंदाज न करें
असंयमित खानपान से बनाएं दूरी: सेहतमंद रहने के लिए पौष्टिक आहार को भोजन का हिस्सा बनाना बहुत आवश्यक है। तेज रफ्तार जिंदगी में हम यह भूल रहे हैं कि क्या खाना है और किन चीजों का सेवन सीमित या नहीं करना है। फास्ट फूड, जंक फूड, मैदा व चिकनाई वाली चीजें कोलेस्ट्राल बढ़ाती हैं। ये वजन बढ़ने का भी प्रमुख कारण हैं। इसलिए इनके सेवन से बचें। ये हृदय को ही नहीं, संपूर्ण सेहत को प्रभावित करती हैं।
अल्कोहल व तंबाकू के सेवन से बचें: समय के साथ नशे के सेवन का सामाजिक दायरा बढ़ रहा है। युवाओं के बीच इसका शौक तेजी से पनप रहा है। तंबाकू का किसी भी तरह से सेवन सेहत के लिए हानिकारक है। इसमें पाया जाने वाला निकोटीन धमनियों को सिकोड़ता है। धमनियों के सिकुड़ने से रक्त संचार प्रभावित होता है और इनमें रक्त के थक्के जमा होने लगते हैं। इससे हृदय में अतिरिक्त दबाव बनता है। अल्कोहल के सेवन से कोलेस्ट्राल बढ़ता है और ब्लडप्रेशर अनियंत्रित होता है, जो हृदय रोगों का मुख्य कारण है।
खुद से न करें दवाओं का लंबे समय तक सेवन: कई बार किसी बीमारी से ग्रसित होने पर लोग थोड़ी राहत मिलने के बाद चिकित्सक द्वारा बताई गई दवाओं का लंबे समय तक खुद से सेवन करते हैं। यह तरीका सही नहीं है। रोग की स्थिति समय के साथ बदलती है और यह चिकित्सक को जांच आदि के द्वारा निर्धारित करना होता है कि कब कौन सी दवा रोगी को देनी है। यदि एक बार लिखी गई दवाओं का लंबे समय तक सेवन किया गया तो ये अन्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। इनके सेवन से हार्मोंस के लेवल पर असर पड़ता है और हृदय की सेहत खराब होती है।
प्रारंभिक लक्षणों को पहचानें: हृदय रोगों को लेकर लोगों में जागरूकता का भी अभाव है। यदि इसके प्रारंभिक लक्षणों की अनदेखी न की जाए तो गंभीर स्थिति का सामना करने से बचा जा सकता है। घबराहट होना या तेजी से सीने में दर्द होना ही हृदय रोग का लक्षण नहीं है। जबड़े से लेकर नाभि तक यदि किसी प्रकार का दर्द, जैसे हाथ, जबड़े, कंधे, सीने या डायफ्राम के आसपास दर्द होता है तो यह हृदय से जुड़ी बीमारी का लक्षण हो सकता है। अक्सर इस तरह की परेशानी होने पर लोग इसे गैस, पाचन या मांसपेशियों से जुड़ी समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। सीने में भारीपन, सांस फूलना, आंखों के सामने अंधेरा छा जाना जैसी परेशानी यदि बार-बार होती है तो ये भी हृदय से जुड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है। इसलिए इस तरह के लक्षणों को गंभीरता से लें।
शारीरिक रूप से रहें सक्रिय: शारीरिक निष्क्रियता स्वास्थ्य पर बुरा असर डालती है। लंबे समय तक स्क्रीन के सामने बैठना, पूरी नींद न लेना, असमय भोजन करना और योग व व्यायाम से दूर रहना हृदय की सेहत के लिए ठीक नहीं है। रक्त संचार सुव्यवस्थित रहे, इसके लिए नियमित व्यायाम, सैर, साइक्लिंग आदि जरूर करें। इससे वजन नियंत्रित रहेगा और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होगी। व्यायाम ब्लडप्रेशर व कोलेस्ट्राल के नियंत्रण में बहुत सहायक है।