अमेरिका के रक्षा सचिव लायड आस्टिन के बयान पर चीन के विदेश मंत्री वेई फेंघे ने किया पलटवार…
अमेरिका के रक्षा सचिव लायड आस्टिन के बयान पर चीन के विदेश मंत्री वेई फेंघे ने पलटवार किया है। चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंघे ने क्षेत्रीय व्यवस्था के लिए चीन के दृष्टिकोण पर चर्चा करते हुए कहा कि बीजिंग अंत तक लड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि किसी को भी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए चीनी सशस्त्र बलों के संकल्प और क्षमता को कम करके नहीं आंकना चाहिए।
दरअसल, चीनी नेता की टिप्पणी अमेरिकी रक्षा सचिव लायड आस्टिन के एक दिन पहले दिए भाषण के जवाब में आई है। उन्होंने जोर देकर कहा था कि बीजिंग की आक्रामक और खतरनाक कार्रवाई एशिया में स्थिरता के लिए खतरा हैं। वहीं, चीनी मंत्री ने आज कहा कि जो लोग चीन को विभाजित करने के प्रयास में ताइवान की स्वतंत्रता का हवाला दे रहे हैं, उनका निश्चित रूप से कोई अच्छा अंत नहीं होगा। फेंघे ने आज कहा हम हर कीमत पर अंत तक लड़ेंगे।
शनिवार को सिंगापुर में हो रहे प्रीमियर डिफेंस फोरम में आस्टिन ने कहा था कि इंडो-पैसिफिक देशों को समुद्री मिलिशिया द्वारा राजनीतिक धमकी, आर्थिक जबरदस्ती या उत्पीड़न का सामना नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा हम ताइवान संबंध अधिनियम, तीन संयुक्त विज्ञप्तियों और छह आश्वासनों द्वारा निर्देशित हमारी एक-चीन नीति के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं। हम किसी भी एकतरफा का स्पष्ट रूप से विरोध करते हैं। आस्टिन ने कहा पीआरसी (पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना) इंडो-पैसिफिक में सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि को कमजोर करने की धमकी देता है।
उन्होंने आगे कहा अब हमारी एक-चीन नीति के हिस्से के रूप में हम ताइवान संबंध अधिनियम के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करना जारी रखेंगे। इसमें पर्याप्त आत्मरक्षा क्षमता बनाए रखने में ताइवान की सहायता करना शामिल है और इसका मतलब है कि बल के किसी भी उपयोग या अन्य प्रकार के जबरदस्ती का विरोध करने की अपनी क्षमता को बनाए रखना, जो ताइवान के लोगों की सुरक्षा या सामाजिक या आर्थिक व्यवस्था को खतरे में डाल देगा।
अमेरिकी रक्षा प्रमुख ने एक स्वतंत्र और खुले इंडो-पैसिफिक पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों के केंद्र में था और क्षेत्रीय राष्ट्रों ने संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ जो साझेदारी बनाई है, वह शांति का मूल है। अमेरिकी रणनीतिकार अब एशिया के लिए अमेरिका की धुरी के बारे में बात नहीं करते हैं। रक्षा सचिव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लापरवाह युद्ध ने हमें नियमों और सम्मान में निहित एक अंतरराष्ट्रीय आदेश को कम करने के खतरों की याद दिला दी है।