अगले 24 घंटों में भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, सागर एवं शहडोल संभागों के जिलों में अच्छी बारिश के है आसार
भीषण गर्मी और उमस झेल रहे लोगों के लिए अच्छी खबर है। दक्षिण–पश्चिम मानसून ने गुरुवार को अपनी तय तारीख 16 जून को बैतूल एवं खंडवा के रास्ते प्रवेश कर लिया है। हालांकि राजधानी में मानसून के आने में अभी थोड़ा और इंतजार करना होगा। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक पूरे मध्य प्रदेश में गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। विशेषकर भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, रीवा, सागर एवं शहडोल संभागों के जिलों में अच्छी वर्षा होगी। उधर पिछले 24 घंटों के दौरान गुरुवार सुबह साढ़े आठ बजे तक जबलपुर में 32, दमोह में 26, बैतूल में 25, मंडला में 24, सतना में 20.8, खंडवा में 20, पचमढ़ी में 18.2, दतिया में 16.8, सीधी में 12.2, छिंदवाड़ा में 9.8, रीवा में 9.0, सिवनी 8.2,ग्वालियर में 3.0, नर्मदापुरम में 2.6, उमरिया में 2.8, सागर में 2.4, नौगांव में 1.8, मलाजखंड में 0.8 मिलीमीटर वर्षा हुर्इ।
मौसम विज्ञान केंद्र के मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि मध्यप्रदेश में मानसून के प्रवेश करने की संभावित तारीख 16 जून एवं भोपाल में मानसून के आने की तारीख 20 जून तय है। गुरुवार को मानसून ने खंडवा एवं बैतूल जिले से प्रवेश कर लिया है। साहा के मुताबिक अलग–अलग स्थानों पर बनी मौसम प्रणालियों के प्रभाव से मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुर्इ हैं। वर्तमान में पूर्वी मध्यप्रदेश के जबलपुर, शहडोल, रीवा, सागर संभागों के जिलों में तेज बौछारें पड़ रही हैं।
ये मौसम प्रणालियां हैं सक्रिय
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून मध्यप्रदेश में प्रवेश कर चुका है। वर्तमान में एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है। एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ अफगानिस्तान के आसपास मौजूद है। पूर्व-पश्चिम ट्रफ लाइन उत्तर प्रदेश से बिहार होते हुए असम तक बनी हुर्इ है। दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान एवं उत्तरी अरब सागर में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त दक्षिणी बिहार से पूर्वी मध्य प्रदेश होते हुए आंध्र प्रदेश तक ट्रफ लाइन गुजर रही है। इन छह मौसम प्रणालियों के कारण हवाओं के साथ नमी आ रही है। इस वजह से पूर्वी मप्र में रीवा, सागर, जबलपुर, शहडोल संभागों के जिलों में दो-तीन दिन तक अच्छी बारिश होने की उम्मीद है। इस दौरान भोपाल, रायसेन, विदिशा जिलों में गरज–चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं।
मप्र में पिछले वर्षों में कब-कब आया मानसून
वर्ष — तारीख
2011 — 17 जून
2012 — 19 जून
2013 — 10 जून
2014 — 19 जून
2015 — 14 जून
2016 — 19 जून
2017 — 22 जून
2018 — 24 जून
2019 — 24 जून
2020 — 15 जून
2021 — 11 जून
2022 — 16 जून