संसद के मानसून सत्र के दौरान हंगामा, कार्यवाही स्थगित
संसद के मानसून सत्र के दौरान आज भी हंगामा हो रहा है। हंगामे के चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने फिर हंगामा शुरू कर दिया था।
संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में आज फिर हंगामा हुआ। संसद के दोनों सदनों में हंगामे के चलते कार्यवाही को दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। बता दें कि सोमवार को मानसून सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्षी दल महंगाई के अलावा अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रहे हैं।
उधर, लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर चर्चा होगी। बीते कुछ दिनों से विपक्षी दल महंगाई और जीएसटी में वृद्धि को लेकर चर्चा की मांग कर रहे थे। सरकार महंगाई पर बहस के लिए तैयार हो गई है। सरकार और विपक्ष के बीच इस संबंध में सैद्धांतिक सहमति बनी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बहस पर जवाब देंगी।
विपक्षी दलों के सांसदों ने चर्चा के लिए नोटिस भी दिया है। शिवसेना नेता विनायक राउत और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। इसके अलावा, कांग्रेस सांसद शक्तिसिंह गोहिल ने गुजरात में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर चर्चा के लिए नोटिस दिया है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी महंगाई पर चर्चा के लिए नोटिस दिया है।
बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा की मांग की
राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज फिर महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा की मांग की। खड़गे की मांग का केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष मांग कर रहा है महंगाई के मुद्दे पर चर्चा की जाए। आज इस मुद्दे को लोकसभा में सूचीबद्ध किया गया है वहीं कल इसे राज्यसभा में सूचीबद्ध किया जाएगा।
ममता बनर्जी के खिलाफ नारेबाजी
उधर, पश्चिम बंगाल के भाजपा सांसदों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ प्रदर्शन किया है। सासंदों ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले को लेकर ममता बनर्जी के खिलाफ नारेबाजी भी की.
32 विधेयकों को सूचीबद्ध किया
गौरतलब है कि केंद्र ने मौजूदा मानसून सत्र में संसद में पारित होने के लिए 32 विधेयकों को सूचीबद्ध किया था, लेकिन आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी की बढ़ी हुई दरों और महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामे की वजह से दो सप्ताह बीतने के बावजूद कामकाज पूरा नहीं हो पाया।