उत्तरप्रदेशराज्य

यूपी सरकार के कैबिनेट में डॉ.संजय निषाद पर लटकी कानून की तलवार

यूपी सरकार के कैबिनेट में राकेश सचान के बाद डॉ.संजय निषाद पर भी कानून की तलवार लटक रही है। गोरखपुर की एक अदालत ने कसरवल कांड में उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। सुनवाई 10 अगस्‍त को होगी।

यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री राकेश सचान को अदालत ने आर्म्‍स एक्‍ट के मामले में दोषी करार दिया है जिसके बाद उनकी विधायकी पर कानून की तलवार लटक रही है। इधर, योगी सरकार के एक और वरिष्‍ठ मंत्री डॉ.संजय निषाद के खिलाफ गोरखपुर की अदालत से गैर जमानती वारंट जारी हो गया है। यह वारंट उसी कसरवल कांड के मामले में जारी हुआ है जिसकी वजह से डॉ.संजय निषाद यूपी में निषादों के नेता बने।

वारंट के मामले में अदालत से यदि उन्‍हें राहत नहीं मिलती है तो उन्हें जेल जाना पड़ सकता है। उनके खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है। सीजेएम जगन्नाथ ने मत्स्य पालन मंत्री को 10 अगस्त तक गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। आदेश को अमल में लाने की जिम्मेदारी गोरखपुर की शाहपुर पुलिस को दी गई है।

पुलिस बोली-नियमानुसार होगी कार्रवाई

उधर, शनिवार को कोर्ट से हुए आदेश की कॉपी करीब दो किमी की दूरी पर स्थित शाहपुर थाने पर रविवार तक नहीं पहुंच पाई थी। इंस्पेक्टर शाहपुर रणधीर मिश्र ने बताया है कि अभी उन्हें आदेश की कापी नहीं मिली है सोमवार को कापी मिलेने की उम्मीद है उसके बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

क्‍या था कसरवल कांंड

गोरखपुर और संतकबीरनगर की सीमा पर स्थित कसरवल में साल-2015 के जून महीने में यह कांड हुआ था। सरकारी नौकरियों में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के बैनर तले गोरखपुर-सहजनवा रेलवे लाइन पर कसरवल के पास अचानक सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे और ट्रेन का चक्का जाम कर दिया। राष्ट्रीय निषाद एकता परिषद के संयोजक डॉ.संजय निषाद की अगुवाई में यह आंदोलन हुआ था। इस आंदोलन की तैयारी इतनी गोपनीय थी कि इसकी जानकारी रेलवे प्रशासन, पुलिस-प्रशासन को तब हुई जब कसरवल में सैकड़ों की भीड़ इकह्वा हो गई। 

प्रदेश भर से जुटी भीड़ देखकर घबड़ा गए थे अफसर

यह भीड़ प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों से आई थी। भीड़ देखकर अफसर घबरा गए। गोरखपुर और संतकबीरनगर जिले की पुलिस और आरपीएफ ने आंदोलनकारियों को समझा-बुझाकर रेल ट्रैक खाली कराने का प्रयास किया तो बवाल हो गया। पुलिस पर पथराव शुरू हो गया गोलियां चलीं। तोड़फोड़ और आगजनी शुरू हो गई।

आंदोलन में 22 साल के युुुवक की चली गई थी जान

आंदोलन में शामिल 22 साल के एक युवक की मौत हो गई थी। पथराव में गोरखपुर के तत्कालीन डीआईजी और संतकबीरनगर के एसपी सहित 30 से अधिक पुलिस कर्मचारी भी घायल हो गए थे। इस मामले में संजय निषाद सहित 36 लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज हुआ। पुलिस ने एक-एक करके सभी को गिरफ्तार किया। संजय निषाद ने कोर्ट में सरेंडर किया।

संजय निषाद बोले-कोर्ट में रखेंगे अपनी बात
निषाद पार्टी के अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद ने एक बयान जारी कर कहा है कि निषाद आरक्षण ममले में सीजेएम कोर्ट गोरखपुर द्वारा जारी वारंट की जानकारी उन्हें मीडिया के माध्यम से मिली है। कहा है कि अभी वह आंध्र प्रदेश में हैं। 10 अगस्त को न्यायालय में उपस्थित होकर पक्ष रखेंगे।

वर्ष 2015 में निषाद भाइयों पर हुई बर्बरता के बाद तत्कालीन सपा सरकार द्वारा लादे गए फर्जी मुकदमों में न्यायपालिका न्याय करेगी। यह भी कहा है कि समाज के हक के लिए वह अंतिम समय तक लड़ने के साथ ही जेल में रहने को भी तैयार हैं।

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