मध्य प्रदेश: छतरपुर में शिकायत दर्ज कराने आई पीड़िता के साथ पुलिसकर्मी ने की अभद्रता
मध्य प्रदेश में छतरपुर पुलिस पर पीड़िता से कथित तौर पर बर्बरता करने का आरोप लगा है। पीड़िता अपनी किडनैपिंग और रेप की शिकायत दर्ज कराने मां के साथ कोतवाली थाने गई थी। लेकिन मां का आरोप है कि पुलिस ने बेटी को रातभर थाने में बिठाकर रखा। और उस पर बयान बदलने का दबाव बनाया गया। लेकिन जब बेटी ने बयान बदलने से मना किया तो दो महिला पुलिसकर्मियों ने बेल्ट और लातों से इतना पीटा कि वह बेहोश हो गई।
दरअसल मां ने बताया कि थाने के अंदर महिला पुलिसकर्मियों ने बेटी को बेल्ट और लातों से जमकर पीटा। थोड़ी देर बाद मुझे थाने में बुलाया और जब अंदर देखा तो बेटी जमीन पर बेहोश पड़ी थी। रातभर उसे थाने में ही रखा, और मुझे बाहर भगा दिया। और फिर सुबह पुलिसवालों ने उसे छोड़ दिया। शिकायत लेकर 31 अगस्त को रात में हम फिर थाने पहुंचे और टीआई से कार्रवाई की मांग की। लेकिन उन्होंने हमें भगा दिया। जिसके बाद 1 सितंबर की शाम तीसरी बार जब थाने पहुंची तब आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज किया। लेकिन अपहरण का जिक्र नहीं किया गया है।’ल
वहीं बाल कल्याण समिति की न्यायपीठ के सदस्य सौरभ भटनागर ने बताया कि जानकारी मिलने पर 3 सितंबर को पीड़िता के घर पहुंचे और पीड़िता और उसके परिवार से चर्चा कर रहे थे। और फिर रात को कोतवाली थाना प्रभारी अनूप यादव दुष्कर्म के आरोपी बाबू को साथ लेकर पीड़िता के घर आ गए। लेकिन आरोपी को वहां ले जाने पर जब आपत्ति जताई तो टीआई ने पीड़िता के साथ अभद्रता की।
इसे लेकर टीआई ने कहा कि वे आरोपी की पहचान कराने के लिए लाए हैं, जबकि नियमानुसार नाबालिग पीड़िता के सामने आरोपी को नहीं ला सकते। इस पर टीआई ने गाली-गलौज कर धमकी दी। जिसकी शिकायत तत्काल कलेक्टर को फोन पर दी।
बाल कल्याण समिति के अधिकारी ने बताया कि जहां 30 अगस्त की रात पीड़िता शिकायत करने थाने गई तो उसकी मां को बाहर बिठाकर रखा गया। उसे अंदर ले जाकर पट्टों और लातों से मारा गया। जब वह बेहोश हो गई तो मां को अंदर लाया गया। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर 1 सितंबर की शाम को की है।
इधर, इस पूरे मामले में कोतवाली टीआई अनूप यादव ने बताया कि पीड़िता के पिता के कहे अनुसार ही कार्रवाई की गई है। आरोपी पर पॉक्सो व एससी एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।