चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी का अधिवेशन आज से शुरू हो रहा, पढ़ें पूरी खबर ..
चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) का अधिवेशन आज से शुरू हो रहा है। इसमें राष्ट्रपति शी चिनफिंग को तीसरे कार्यकाल के लिए निर्वाचित किया जाना लगभग तय है। चिनफिंग की इस नियुक्ति के साथ ही शीर्ष नेताओं की अधिकतम 10 साल तक नियुक्ति का पुराना मानदंड समाप्त हो जाएगा। यह अधिवेशन सप्ताह भर चलेगा। इसमें चिनफिंग के दिशा निर्देशों के तहत 2,296 निर्वाचित प्रतिनिधि गुप्त बैठक में भाग लेंगे। इस अधिवेशन के विरोध में भी हो रहे हैं।
ताइवान को लेकर चीन के रुख नरम
अधिवेशन से पहले ताइवान को लेकर चीन के रुख में कुछ नरमी के संकेत किए हैं। पार्टी प्रवक्ता सुन येली येली ने पत्रकार वार्ता में कहा कि हम शांति पूर्ण ढंग से ताइवान का एकीकरण चाहते हैं और शक्ति का प्रयोग आखिरी विकल्प के रूप में किया जाएगा। यह चीन की दीर्घकालिक स्थिरता और विकास के लिए अच्छा रहेगा। चिनफिंग को छोड़कर, दूसरे नंबर के नेता प्रधानमंत्री ली केकियांग सहित सभी शीर्ष नेताओं को आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर फेरबदल का सामना करना होगा। इस बदलाव में निवर्तमान विदेश मंत्री वांग यी का स्थान कोई और लेगा। यह अधिवेशन 16 से 22 अक्टूबर तक चलेगा।
लगे चिनफिंग विरोधी नारे
अधिवेशन से पहले लाउडस्पीकर के जरिये कुछ स्थानों पर चिनफिंग-विरोधी नारे लगाये जा रहे हैं। कोविड-रोधी योजना की भी आलोचना हो रही है। इसे देखते हुए बीजिंग में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। शहर के कुछ क्षेत्रों में लोगों के जाने पर रोक लगा दी गई है।
बढ़ती बेरोजगारी को लेकर लोगों में आक्रोश
देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है। पर्यवेक्षकों का कहना है कि पिछले 10 वर्षों में अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई से पार्टी में असंतोष बढ़ रहा है। इनमें सेना के दंडित शीर्ष अधिकारियों सहित लाखों अधिकारी शामिल हैं। 2012 में सत्ता संभालने के पहले दिन से ही चिगफिंग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान शुरू किया था।
कोरोना वायरस का अब भी मौजूद होना एक वास्तविकता
सुन येलीचीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी ने आलोचना और विरोध-प्रदर्शन के बीच शनिवार को अपनी ‘शून्य-कोविड’ नीति का बचाव किया। पार्टी प्रवक्ता सुन येली ने इसे वापस लेने से इन्कार कर दिया। कहा कि कोरोना वायरस का अब भी मौजूद होना एक वास्तविकता है। उन्होंने चीन की अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने को लेकर पूछे गए सवालों को तरजीह नहीं दी।