टेक्नोलॉजी

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने शुक्रवार को जी एंटरटेनमेंट को दी बड़ी राहत

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने शुक्रवार को जी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment) को बड़ी राहत दी है। NCLT ने जी एंटरटेनमेंट के खिलाफ आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) की इनसॉल्वेंसी याचिका (Insolvency Plea) को खारिज कर दिया है। जी एंटरटेनमेंट के शेयर शुक्रवार सुबह 11.25 मिनट पर बीएसई में 1.38 प्रतिशत की तेजी के साथ 187.80 रुपये के लेवल पर ट्रेड कर रहे थे। 

क्या है पूरा मामला (Zee Entertainment IDBI Bank Case)

आईडीबीआई बैंक ने पिछले साल दिसंबर में एनसीएलटी में एक याचिका दायर की थी। बैंक ने याचिका के जरिए 149.60 करोड़ रुपये की मांग की थी। इसी मसले पर आज एनसीएलटी अपना फैसला दिया है। बता दें, आईडीबीआई बैंक ने यह याचिका एनसीएलटी की मुंबई बेंच के पास दाखिल किया था।  

20 अप्रैल को न्यूज एजेंसी ब्लूमबर्ग ने सोर्स के हवाले से रिपोर्ट किया था कि जी एंटरटेनमेंट क्रेडिटर्स के साथ कर्ज के भुगतान को लेकर बातचीत कर रहा है। रिपोर्ट के अनुसार जी ने आईडीबीआई बैंक को किश्तों में 149 करोड़ रुपये पेमेंट करने का ऑफर भी दिया था। बता दें, जी का मर्जर सोनी ग्रुप के साथ होना है। इस पूरे मसले को मर्जर में बड़ा रुकावट माना जा रहा था। 

मर्जर के बाद किसकी कितनी रहेगी हिस्सेदारी 

जी एंटरटेनमेंट का मर्जर सोनी पिक्चर्स नेटवर्स इंडिया में होना है। 22 दिसंबर 2021 को दोनों कंपनियों ने मर्जर को लेकर एक एग्रीमेंट भी साइन कर लिया था। प्रक्रिया पूरी होने के बाद मर्ज की हुई कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होगी। एग्रीमेंट के अनुसार जी के एमडी और सीईओ पुनीत गोयनका नई कंपनी के एमडी और सीईओ रहेंगे। बोर्ड में कुल 9 डायरेक्टर्स रहेंगे। जिसमें से 5 को सोनी ग्रुप नॉमिनेट कर पाएगा। वहीं, तीन स्वतंत्र रहेंगे। बता दें, मर्जर होने के बाद कंपनी में सोनी की हिस्सेदारी 50.85 प्रतिशत, जी के प्रमोटर्स की हिस्सेदारी 3.99 प्रतिशत और जी के शेयरहोल्डर्स के पास 45.15 प्रतिशत हिस्सा रहेगा। 

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