अध्यात्म

इन महिलाओं को भूलकर भी नहीं करनी चाहिए तुलसी की पूजा

सनातन धर्म में तुलसी की पूजा करना शुभ माना गया है। धार्मिक दृष्टि के अलावा आयुर्वेद में भी तुलसी के कई लाभ का वर्णन किया गया है। शास्त्रों की मानें 3 महिलाओं को भूलकर भी तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इन महिलाओं के द्वारा की गई तुलसी पूजा को मां लक्ष्मी स्वीकार नहीं करती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं स्त्रियों से संबंधित तुलसी पूजा के नियम।

धर्म शास्त्रों के अनुसार, घर में तुलसी का पौधा होने से परिवार के सदस्यों को मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है। रोजाना सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पास देशी घी का दीपक जलाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए। साथ ही जल अर्पित करना चाहिए।

तुलसी पूजा के नियम (Tulsi Puja Ke Niyam)

मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को अपवित्र माना जाता है। इसलिए इस दौरान तुलसी पूजा नहीं करनी चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इन महिलाओं के द्वारा तुलसी पूजा करने से मां तुलसी भी अपवित्र होती हैं।

इसके अलावा मन में गलत विचार रखने वाली महिलाओं को भी तुलसी की पूजा करने से बचना चाहिए। मान्यता है कि इन महिलाओं की पूजा को मां लक्ष्मी स्वीकार नहीं करती हैं।

तुलसी पूजा के नियम का जरूर पालन करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी के दिन तुलसी पूजा करनी चाहिए, लेकिन जल अर्पित और पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। क्योंकि एकादशी तिथि पर मां लक्ष्मी व्रत रखती हैं। ऐसे में तुलसी में जल देने से और पौधे को छूने से उनका व्रत खंडित हो जाता है, जिससे मां लक्ष्मी के नाराज होने से जीवन में कई समस्याएं उत्पन्न सकती हैं।

भूलकर भी न रखें ये चीजें

मां लक्ष्मी का वास साफ-सफाई वाली जगह पर होता है। इसलिए घर और तुलसी के पौधे के पास जूते चप्पल, झाड़ू और गंदे कपड़े नहीं रखना चाहिए और गंदे हाथ से पौधे को नहीं छूना चाहिए। इन नियमों का पालन करने से तुलसी का पवित्र पौधा होता है।

तुलसी पूजा से मिलते हैं ये लाभ

  • मान्यता है कि तुलसी पूजा करने से घर में सदैव बरकत होती है।
  • भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
  • बुरी शक्तियों से छुटकारा मिलता है।

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