उत्तराखंड: इन तीन दिनों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, भूस्खलन की संभावना
प्रदेश के अधिकांश जिलों में आज हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। वहीं राजधानी में भी आसमान में हल्के बादल छाए रहने और कुछ क्षेत्रों में गर्जन के साथ बारिश की भी संभावना बनी हुई है। मौसम विभाग की ओर से जारी पूर्वानुमान के अनुसार राज्य के पिथौरागढ़ बागेश्वर, नैनीताल, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा, चम्पावत, देहरादून, टिहरी एवं पौड़ी जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
देहरादून जिले में मिलाजुला मौसम रहने के साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। मौसम विभाग के अनुसार 27, 28 और 30 जून को प्रदेश के अधिकांश जिलों में भारी से भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट किया है। इस दौरान पहाड़ों पर कहीं हल्का तो कहीं भारी भूस्खलन होने की आशंका है।
तापमान में दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई
इससे रास्ते भी प्रभावित हो सकते हैं। ऐसे में खासतौर पर चारधाम यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को पूर्वानुमान के अनुसार सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। रविवार को देहरादून में बारिश होने से अधिकतम तापमान में करीब दो डिग्री की गिरावट दर्ज की गई।राजधानी देहरादून में अधिकतम तापमान 34.8 डिग्री सेल्सियस रहा। न्यूनतम तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं पंतनगर में अधिकतम तापमान 37.6 और न्यूनतम तापमान 28.2, मुक्तेश्वर में अधिकतम 23.8 और न्यूनतम तापमान 16.4 और नई टिहरी में अधिकत तापमान 27.5 और न्यूनतम तापमान 19.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दून में 5.3 एमएम बारिश, कई जगहों पर जलभराव
रविवार को देहरादून के कई इलाकों में बारिश होने से अधिकतम तापमान में दो डिग्री गिरावट दर्ज की गई। दोपहर बाद हुई बारिश से जगह-जगह जलभराव हुआ। नालियां चोक होने से बारिश का पानी सड़कों पर भर गया। जिससे लोगों को आवाजाही करने में परेशानी झेलनी पड़ी।
मौसम विभाग के मुताबिक देहरादून में 5.3 एमएम बारिश रिकार्ड की गई।दोपहर बाद आंधी के साथ अचानक बारिश शुरू हो गई। नालियां चोक होने से कई इलाकों में बारिश का पानी सड़कों पर भर गया। लक्खीबाग चौकी के सामने जलभराव होने से पानी दुकानों में घुस गया। सर्वे चौक के समीप आईआरडीटी ऑडिटोरियम के मुख्यद्वार पर भी जलभराव हुआ। परेड ग्राउंड और पटेल नगर बाजार क्षेत्र में भी जगह-जगह सड़कों पर पानी भरने से लोगों को आवाजाही में परेशानी झेलनी पड़ी।