आषाढ़ कालाष्टमी पर राशि अनुसार करें भगवान शिव का अभिषेक
धार्मिक मत है कि काल भैरव देव की पूजा करने से जीवन में व्याप्त काल कष्ट दुख और संकट दूर हो जाते हैं। साथ ही जीवन में आने वाली बलाएं भी टल जाती हैं। इस व्रत को स्त्री और पुरुष सभी वर्ग के साधक कर सकते हैं। तंत्र सीखने वाले साधक कालाष्टमी पर काल भैरव देव की कठिन साधना करते हैं।
हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर कालाष्टमी मनाई जाती है। आषाढ़ माह में कालाष्टमी 28 जून को है। यह दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव ज्योत रूप में भी प्रकट हुए थे। वहीं, ब्रह्मा जी द्वारा अपमानित किए जाने के बाद भगवान शिव का रौद्र रूप काल भैरव देव का अवतरण हुआ था। इस अवसर पर काल भैरव देव की पूजा की जाती है। साथ ही कालाष्टमी का व्रत रखा जाता है। काशी स्थित काल भैरव मंदिर में बाबा की नगरी के कोतवाल की विशेष पूजा की जाती है। धार्मिक मत है कि काल भैरव देव की पूजा करने से साधक के सकल मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। साथ ही जीवन में खुशियों का आगमन होता है। तंत्र सीखने वाले साधक निशा काल में काल भैरव देव की कठिन साधना करते हैं। अगर आप भी काल भैरव देव की कृपा पाना चाहते हैं, तो कालाष्टमी तिथि पर राशि अनुसार भगवान शिव का अभिषेक करें।
राशि अनुसार अभिषेक
- मेष राशि के जातक गंगाजल में शहद मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- वृषभ राशि के जातक गंगाजल में दूध मिलाकर महादेव का अभिषेक करें।
- मिथुन राशि के जातक कच्चे दूध में दूर्वा मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- कर्क राशि के जातक शुद्ध दही से त्रिलोकीनाथ भगवान शिव का अभिषेक करें।
- सिंह राशि के जातक गंगाजल में लाल पुष्प मिलाकर भगवान शंकर का अभिषेक करें।
- कन्या राशि के जातक कालाष्टमी पर गन्ने के रस से देवों के देव महादेव का अभिषेक करें।
- तुला राशि के जातक आषाढ़ कालाष्टमी पर पंचामृत से भगवान शिव का अभिषेक करें।
- वृश्चिक राशि के जातक गंगाजल में रोली मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- धनु राशि के जातक कालाष्टमी पर दूध में केसर मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- मकर राशि के जातक गंगाजल में साबुत मूंग मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- कुंभ राशि के जातक गंगाजल में काले तिल मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।
- मीन राशि के जातक गंगाजल में भांग के पत्ते मिलाकर भगवान शिव का अभिषेक करें।