अध्यात्म

आषाढ़ पूर्णिमा के दिन इस नियम से करें सत्यनारायण भगवान की पूजा

आषाढ़ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस शुभ तिथि पर लोग भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इसके अलावा इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का भी पाठ होता है। ऐसा कहा जाता है कि जो लोग इस कथा का पाठ करते हैं, उन्हें वह सब कुछ मिल जाता है, जिसकी वो कामना करते हैं। इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी।

सत्यनारायण भगवान की पूजा विधि
साधक सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। अपने घर और मंदिर को अच्छी तरह से साफ करें। एक वेदी पर पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा स्थापित करें। गंगाजल और पंचामृत से अभिषेक करें। हल्दी व गोपी चंदन का तिलक लगाएं। पीले फूलों की माला अर्पित करें। पंजीरी, पंचामृता और फल-मिठाई आदि चीजों का भोग लगाएं। देसी घी का दीया भगवान सत्यनारायण की प्रतिमा के सामने जलाएं। सत्यनारायण व्रत कथा पढ़ें या सुनें और अंत में श्री सत्यनारायण भगवान की आरती करें।

फिर पूजा के प्रसाद को परिवार के सभी सदस्यों में बांटें। प्रसाद से अपने व्रत का पारण करें। पारण के लिए सात्विक भोजन का चयन करें। तामसिक चीजों से दूर रहें।

आषाढ़ पूर्णिमा तिथि और समय
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ मा​ह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई, 2024 दिन शनिवार को शाम 05 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 21 जुलाई,2024 दिन रविवार को दोपहर 3 बजकर 46 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी।

।।श्री सत्यनारायण मंत्र।।
”ॐ श्री सत्यनारायणाय नमः

शर्करास्नानं समर्पयामि

शर्करा स्नानान्ते पुनः शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि”

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