उड़ीसा

ओडिशा: दो साल पहले पत्नी की हत्या के मामले में व्यक्ति को मौत की सजा

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में एक अदालत ने अपनी पत्नी की चाकू मारकर हत्या करने और अपनी छह वर्षीय बेटी की गला काटकर हत्या करने के आरोप में मौत की सजा सुनाई। दो साल पहले नौ जून 2022 में आरोपी ने अपनी पत्नी को दूसरी बार बेटी को जन्म देने के कुछ ही दिन 33 बार चाकू मारा था। आरोपी की पहचान 46 वर्षीय संजीत दास और मृतक महिला की पहचान सरस्वती के तौर पर की गई है। सरस्वती एक प्राइवेट अस्पताल में हेड नर्स थी। आरोपी ने अपनी बड़ी बेटी का भी गला काट दिया। हालांकि, किसी तरह उसकी जान बच गई। 2022 में चार्जशीट दायर होने के अगले ही दिन उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। पत्नी की हत्या के पीछे का कारण दूसरी बार भी बेटी का जन्म होना है।

न्यायाधीश बंदना कर की अदालत ने गुरुवार को फैसला सुनाते हुएकहा कि आरोपी के प्रति कोई नरमी नहीं दिखाई जानी चाहिए। आरोपी को सजा सुनाते हुए अदालत ने कहा, “ऐसे अपराध के मृत्युदंड का प्रावधान उन लोगों के लिए निवारक का काम करेगा तो ऐसे कृत्यों के बारे में सोच सकते हैं।” अदालत ने आरोपी को उम्रकैद की भी सजा सुनाई। आरोपी द्वारा अपनी बेटी पर किए गए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए अदालत ने कहा, “छोटी सी लड़की महज छह साल की है। वह बड़े गर्व से वंदे मातरम् गाती थी। उसके पिता ने बड़ी बेरहमी से उसका गला काट दिया। वह लड़की जो छोटा भीम और डोरेमॉन देखती है, उसे अपनी मां की हत्या के लिए गवाह के तौर पर पेश होना पड़ा।”

अदालत ने आगे कहा कि कोई भी उस बच्ची की तकलीफ का संज्ञान नहीं ले सकता, जिसे अपने पिता द्वारा अपनी ही मां की हत्या का गवाह बनना पड़ा। जो घर उसका सुरक्षित ठिकाना था, वही घर अब उसके लिए एक डर का ठिकाना बन गया है। अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि फैसले की एक मृतक की बेटियों के लिए मुआवजे पर विचार करने के लिए जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलए) को प्रदान की जाए।

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