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गायबथान में आदिवासी परिवार को उनकी जमीन वापस दिलाए सरकार

कोर्ट के आदेश के बाद भी गायबथान के आदिवासी परिवार को उनकी जमीन नहीं दिलाई गई है जो कि बेहद अफसोस की बात है। ये बात असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने गुरुवार को परिसदन भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कही। उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बांग्लादेशियों का चौकीदार बनना छोड़ दें।

पत्रकारों से बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि झारखंड वीरों की भूमि है। बिरसा मुंडा ने जिस कदर आदिवासियों की अस्मिता की रक्षा के लिए काम किया है, उनसे हेमंत सोरेन को सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के साथ घुसपैठिए विवाह कर उनकी अस्मिता को खत्म कर रहे हैं। आदिवासियों की जमीन पर जो घुसपैठिए कब्जा जमाए हुए हैं, उन्हें लात मार कर भगाया जाना चाहिए।

गायबथान मामले में उन्होंने कहा कि जब कोर्ट का ऑर्डर आदिवासी परिवार के पक्ष में है तो उनको जमीन पर कब्जा क्यों नहीं दिलाया जा रहा है। एसपी को जाहिए कि वो जाएं और वहां पर खड़ा हो कर उन्हें दखल दिलवाएं। यह तो प्रशासन के लिए आसान काम होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हो गया रहता तो आज वे यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं कर रहे होते। उन्होंने झारखंड सरकार से अपील करते हुऐ कहा कि गायबथान में आदिवासी परिवार को उनकी जमीन वापस दिलवाए।

बीजेपी नेता ने छात्रों की पिटाई मामले में कहा कि छात्रावास के आदिवासी छात्रों की पिटाई की घटना निंदनीय है। सरकार छात्रों पर दर्ज केस को वापस ले और दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कार्रवाई करते हुए यहां के एसपी को निलंबित करने का काम करे। उन्होंने गोपीनाथपुर जाने की प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने पर कहा कि तीन दिन से प्रशासन के टच में थे, परंतु आज सुबह उन्हें बताया गया कि सुरक्षा को देखते हुए आप वहां नहीं जा सकते। इससे स्पष्ट है कि एक प्रदेश के सीएम को यहां की प्रशासन सुरक्षा नहीं दे सकती है।

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