पंजाब की सबसे बड़ी नगर निगम लुधियाना में पैसे ट्रांसफर करने का बड़ा घोटाला सामने आया है। यह घोटाला किसी और ने नहीं बल्कि नगर निगम के अधिकारियों और मुलाजिमों ने मिलीभगत करके किया है। स्टैप अप जाली बिल तैयार करने के बाद विभिन्न खातों में करीब 1.75 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम ट्रांसफर कर दी गई।
जब यह मामला नगर निगम अधिकारियों के सामने आया तो उन्होंने जांच का आदेश दिया। जांच के दौरान आरोप सही मिले। इसके बाद थाना डिवीजन पांच पुलिस ने नगर निगम समेत अफसर गुलशन राय की शिकायत पर जालंधर में तैनात सेनेटरी इंस्पेक्टर राजेश कुमार, सेनेटरी इंस्पेक्टर जोन बी हेमराज, अमला क्लर्क हर्ष ग्रोवर, मनीष मल्होत्रा, सफाई सेवक कमल कुमार, मिंटू कुमार और रमेश कुमार के खिलाफ धोखाधड़़ी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
नगर निगम के अधिकारियों के पास शिकायत पहुंची थी कि आरोपियों ने दो साल में 44 कर्मचारियों के जाली स्टैप अप बिल तैयार कर उसे पास कर दिया। इसके बाद आरोपियों ने नगर निगम के सरकारी खातों से विभिन्न खातों में करीब 1.75 करोड़ रुपये की भारी भरकम रकम ट्रांसफर कर दी। इसके अलावा आरोपियों ने कई कर्मचारियों के नाम पर जाली बिल तैयार कर रखे हैं। इसके बाद अधिकारियों ने बिना किसी से बात इसकी जांच शुरू करवा दी।
पता चला कि आरोप सही है। इन सात आरोपियों के अलावा 12 नगर निगम के मुलाजिमों की मिलीभगत सामने आ रही है, जिन्हें नोटिस जारी कर दिया गया है। आरोपियों पर लगे आरोप सही पाए जाने पर तुरंत पुलिस शिकायत देकर उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश जारी कर दिया। नगर निगम अधिकारियों द्वारा जांच के दौरान पता चला कि गबन के मामले में दस्तावेजों से भी छेड़छाड़ हुई है। उस समय के मेडिकल अफसर को भी जांच के घेरे में ले लिया गया है।
उधर, निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने इस मामले में बाहर से ऑडिट करवाने की सिफारिश भी की है। उनके मुताबिक 2021 से 2023 के बीच जितनी भी पेमेंट हुई है उसकी जांच होगी। आरोपियों से निगम के पैसे की वसूली भी की जाएगी। उधर, थाना डिवीजन पांच के एसएचओ इंस्पेक्टर जगजीत सिंह ने बताया कि आरोपी अभी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। उनकी तलाश में दबिश शुरू कर दी गई है, जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।