पंजाबराज्य

पंजाब में आप से गठबंधन पर कांग्रेस की न!

लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) के साथ कांग्रेस गठबंधन या सीट शेयरिंग नहीं कर सकती। ये बात प्रदेश कांग्रेस के सीनियर नेताओं ने मंगलवार को पंजाब कांग्रेस के नए प्रभारी देवेंद्र यादव से की है। 

यादव मंगलवार को चंडीगढ़ आए थे। यहां उन्हें पंजाब कांग्रेस के अंदरूनी झगड़ों का सामना करना पड़ा, वहीं सीनियर लीडरशिप ने उन्हें बता दिया कि लोकसभा चुनाव के लिए आप के साथ सीट शेयरिंग नहीं की जा सकती।

पंजाब कांग्रेस भवन में देवेंद्र यादव ने प्रदेश के सीनियर नेताओं, प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और मौजूदा व पूर्व विधायकों के साथ बैठकें करके फीडबैक लिया। इसी दौरान राज्य में आप से कांग्रेस के गठबंधन की चर्चाओं पर भी बातचीत हुई। 

भविष्य में नुकसान ही होगा
सूत्रों के अनुसार, ज्यादातर नेताओं ने अपने-अपने ढंग और दलीलों के साथ आप से गठबंधन न करने का सुझाव प्रदेश प्रभारी को दिया। कुछ सीनियर नेताओं ने दो-टूक शब्दों में स्पष्ट कर दिया कि अगर पंजाब कांग्रेस ने आप के साथ समझौता किया तो हो सकता है कि लोकसभा चुनाव में कुछ फायदा मिले लेकिन इससे भविष्य में कांग्रेस को बड़ा नुकसान होगा। 
कुछ नेताओं ने कहा कि आप के खिलाफ जनता में उभर रहा गुस्सा गठबंधन के बाद कांग्रेस को भी नुकसान पहुंचाएगा। इसके अलावा कांग्रेस का पक्का काडर भी बिखर सकता है, जिसका फायदा अन्य दलों को होगा।

रंधावा बोले-हमने अपनी राय दे दी
बैठक के बाद आप से गठबंधन के मुद्दे पर प्रदेश प्रभारी के साथ हुई बातचीत के बारे में, सुखजिंदर रंधावा ने इतना ही कहा- ‘इस मामले में नई दिल्ली में हाईकमान के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इससे पहले भी हम अपनी राय और भावनाएं उन तक पहुंचा चुके हैं। उन्हें भरोसा दिलाया गया है कि प्रदेश लीडरशिप और वर्करों की चिंताओं को दूर करने के बाद ही इस मामले में कोई फैसला लिया जाएगा।’

इस संबंध में, बैठक से बाहर आ रहे अन्य नेताओं से जब जानना चाहा तो उन्होंने इतना ही कहा कि उन्होंने अपनी बात इंचार्ज के सामने रख दी है और उम्मीद है कि हाईकमान पंजाब के नेताओं और वर्करों की भावनाओं के खिलाफ कोई फैसला नहीं लेगा।

यादव बोले-हाईकमान को देंगे रिपोर्ट
नए प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव ने इस मामले पर इतना ही कहा कि वह पार्टी नेताओं और वर्करों से मिलने और उनके मुद्दों पर राय लेने आए हैं, जिसे वह हाईकमान तक पहुंचाएंगे और इसके बाद सीनियर लीडरशिप व हाईकमान मिलकर कोई फैसला लेंगे।

Related Articles

Back to top button