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हरियाणा मौसम : आज बारिश, कल ओले गिरने की आशंका

पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से हरियाणा में एक से तीन मार्च तक मौसम प्रभावित रहेगा। 

हरियाणा में मौसम फिर से बदलने वाला है। एक मार्च से पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से इसका प्रभाव हरियाणा समेत पंजाब-चंडीगढ़ में दिखेगा। इसके असर से शुक्रवार को हरियाणा के कई हिस्सों में बारिश की संभावना है। वहीं, अगले ही दिन यानी दो मार्च शनिवार को बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी। कुछ जिलों में ओले भी गिर सकते हैं।

तीन मार्च को पश्चिमी विक्षोभ का असर कमजोर पड़ जाएगा। इस दौरान कुछ हिस्सों में हल्की बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले तीन दिन न्यूनतम तापमान में तीन से पांच डिग्री की बढ़ोतरी होगी। उसके बाद तापमान में गिरावट आएगी। दरअसल मैदानी इलाकों में बारिश के साथ पहाड़ी इलाकों में भी बर्फबारी होगी।

पश्चिमी विक्षोभ के जाने के बाद तीन से चार दिन ठंड रहेगी। मौसम विभाग ने बारिश व ओले के आसार को देखते हुए एक मार्च को यलो और दो मार्च को ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। हरियाणा में अधिकतम तापमान अभी 25 डिग्री से ऊपर ही दर्ज किया जा रहा है।

सबसे अधिक तापमान फरीदाबाद का 28.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, सबसे कम तापमान नारनौल और महेंद्रगढ़ का न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इन जिलों में ज्यादा असर पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर और गुरुग्राम में ज्यादा असर देखने को मिल सकता है।

मौसम विभाग ने जारी एडवाइजरी
1.कटी हुई फसल को सुरक्षित स्थान पर रखें।
2.सिंचाई, उर्वरकों और कीटनाशक का इस्तेमाल स्थगित करें।
3.गरज-चमक, आंधी व ओलावृष्टि के दौरान बाहर जाने से बचें और पेड़ों के नीचे आश्रय न लें।
4.बारिश के दौरान सावधानी से वाहन चलाएं।

फरवरी में 12 फीसदी कम बारिश
साल के दूसरे महीने भी सामान्य से कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। फरवरी के महीने में पूरे हरियाणा में 15.2 एमएम बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से करीब 12 फीसदी कम रही। फरवरी में सामान्यता: 17.3 एमएम बारिश रिकॉर्ड की जाती है। साल 2020 से लगातार फरवरी में कम बारिश दर्ज की गई है। 2020 में 59 फीसदी, 2021 में 70 फीसदी, 2022 में 8 फीसदी 2023 में 99 फीसदी और 2024 में 12 फीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। 2020 से पहले 2019 में सामान्य से 12 फीसदी बारिश रिकॉर्ड हुई थी। हालांकि 2014 से लेकर 2018 तक कम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। फरवरी में बीते 24 साल में सबसे ज्यादा बारिश 2007 में 76 एमएम दर्ज की गई थी।

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