दादरी डीएसपी हेडक्वार्टर विनोद शंकर ने सोमवार दोपहर बाद अपने कार्यालय में प्रेसवार्ता कर गिरोह के 6 गुर्गाे को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है। बताया कि पुलिस टीम जब वहां पहुंची तो साइबर ठगी का पूरा नेटवर्क चलता मिला और मौके से गिरोह के 6 गुर्गाे को दबोचा गया।
ऑनलाइन एप और नेट बैंकिंग रिवॉर्ड के फर्जी लिंक के जरिये विभिन्न राज्यों के लोगों से साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का चरखी दादरी साइबर थाना पुलिस ने भंड़ाफोड़ किया है। पुलिस ने हिमाचल-प्रदेश के परवाणू में दबिश देकर गिरोह के छह गुर्गाे को गिरफ्तार किया है। आरोपी दिल्ली, बिहार, राजस्थान और मध्य-प्रदेश के रहने वाले है। फिलहाल दादरी पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है और कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
दादरी डीएसपी हेडक्वार्टर विनोद शंकर ने सोमवार दोपहर बाद अपने कार्यालय में प्रेसवार्ता कर गिरोह के 6 गुर्गाे को गिरफ्तार करने की पुष्टि की है। उन्होंने साइबर थाना प्रभारी पीएसआई विशाल कुमार की अगुवाई में एक टीम ने चिकित्सक के साथ हुई 50 हजार की साइबर ठगी के मामले में 10 मार्च को हिमाचल-प्रदेश के परवाणू दबिश दी। वहां टीम को एक आरोपी की लोकेशन मिली थी।
पुलिस टीम जब वहां पहुंची तो साइबर ठगी का पूरा नेटवर्क चलता मिला और मौके से गिरोह के 6 गुर्गाे को दबोचा गया। उनसे काफी तादाद में इलेक्ट्रोनिक्स गैजेट, सिमकार्ड, चैकबुक, एटीएमकार्ड समेत अन्य सामान बरामद हुआ। डीएसपी ने बताया कि आरोपी एक ऑनलाइन एप भी चलाते थे और इसके जरिये भी लोगों से ठगी की जाती थी। उन्होंने बताया कि आरोपियों को रिमांड पर लेकर पुलिस पूछताछ करेगी और उस दौरान कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।
इन्हें किया गया गिरफ्तार
राजस्थान के हनुमानगढ़ जिला के पीलीबंगा निवासी शवि वत्स व रोहित,बिहार के पटना जिला के गांव दानापुर निवासी राजेश, राजस्थान के गंगानगर निवासी अंकित, दिल्ली के शहादरा निवासी वासु यादव और ग्वालियर के बिरला निवासी आकाश को दादरी साइबर थाना पुलिस ने परवाणू से गिरफ्तार किया है।
आरोपियों से बरामद हुआ ये सामान
आरोपियों से साइबर थाना पुलिस टीम ने 28 मोबाइल, 4 लैपटॉप, एक कंप्यूटर, 46 एटीएम कार्ड, 3 पासबुक, 40 चैकबुक, 76 सिमकार्ड, दो वाईफाई माॅडम बरामद हुए है।
fairplay24.in एप भी चलाता था गिरोह
डीएसपी विनोद शंकर ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपी शवि ने बताया कि उनका गिरोह fairplay24.in एप भी चलाता है। उनका सरगना कोई और है। एप के जरिये लोगों से रुपये दाव पर लगवाए जाते है। इस एप के जरिये भी लोगों से ठगी की जाती है।