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मॉडल संस्कृति व पीएमश्री विद्यालयों में अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों को मिलेगा दाखिला

दादरी में दो पीएमश्री और 17 राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल हैं। इनमें पहली कक्षा में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का ही दाखिला करना होगा। कक्षा पहली से पांचवीं के एक सेक्शन में 30 और कक्षा नौवीं से बारहवीं के सेक्शन में 40 विद्यार्थियों का ही दाखिला होगा।

शिक्षा विभाग ने राजकीय मॉडल संस्कृति और पीएमश्री विद्यालयों में दाखिले को लेकर शेड्यूल जारी कर दिया है। इन स्कूलों में उन्हीं विद्यार्थियों का दाखिला होगा, जिन्होंने सीबीएसई पैटर्न पर अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करनी है।

दादरी में दो पीएमश्री और 17 राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल हैं। इनमें पहली कक्षा में सिर्फ अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों का ही दाखिला करना होगा। कक्षा पहली से पांचवीं के एक सेक्शन में 30 और कक्षा नौवीं से बारहवीं के सेक्शन में 40 विद्यार्थियों का ही दाखिला होगा। इन विद्यालयों में 25 प्रतिशत आरक्षण का भी प्रावधान किया गया है। 30 विद्यार्थियों के एक अनुभाग में केवल आठ आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थियों को ही दाखिला दिया जाएगा।

ये ही नहीं इन स्कूलों में दाखिले का मासिक फीस को लेकर कोई छूट नहीं दी गई है। पहले की तरह ही 500 से 1000 रुपये दाखिला और 200 रुपये से लेकर 500 रुपये मासिक फीस देनी होगी। मॉडल संस्कृति स्कूलों में दाखिला प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू होगी। दाखिले के लिए विद्यार्थियों को 1 अप्रैल से 20 अप्रैल तक आवेदन जमा करवाने होंगे। इसके अलावा 22 अप्रैल को ड्राॅ निकाला जाएगा और 26 को प्रतीक्षा सूची में शामिल विद्यार्थियों का दाखिला होगा।

हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ एवं स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया के प्रधान संजय शास्त्री ने कहा कि चरखी दादरी शहर के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की बात करें तो यहां वर्तमान में 640 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें से 440 विद्यार्थी अनुसूचित जाति एवं पिछड़े वर्ग से संबंधित हैं जबकि 200 विद्यार्थी ही सामान्य श्रेणी के हैं। नए नियमों के अनुसार तो 40 विद्यार्थियों की एक कक्षा में आरक्षित श्रेणी के केवल 10 विद्यार्थियों को ही प्रवेश दिया जा सकता है। यदि आरक्षित श्रेणी के विद्यार्थी 10 से ज्यादा हैं तो उनको इस विद्यालय में पढ़ने की अनुमति नहीं होगी। संजय शास्त्री ने कहा कि आदेश के बाद विद्यार्थियों को शहर के किसी नजदीकी सरकारी विद्यालय में या अपने घर से कई किलोमीटर दूर जाना पड़ेगा।

राज्य कार्यकारिणी की बैठक में होगी चर्चा
जिला सहसचिव सुंदरपाल फौगाट ने कहा कि 30 व 31 मार्च को भिवानी में होने वाली हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में इस विषय पर गंभीरता से चर्चा की जाएगी। इसके विरोध में राज्य में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। सरकार नामांकन के नाम पर विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित करने का ढोंग कर रही है।

सरकार शिक्षा के कपाट बंद करना चाहती है। हाल ही में शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि राजकीय मॉडल संस्कृति एवं सीबीएसई से मान्यता प्राप्त पीएम श्री विद्यालयों में नए सत्र में कक्षा पहली, छठी, नौंवी व 11वीं में केवल अंग्रेजी माध्यम में ही प्रवेश दिया जाएगा। हिंदी माध्यम लेने वाले विद्यार्थियों को इन विद्यालयों में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। यह सरासर अनुचित है। गरीब एवं वंचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा एक अभिशाप बन गया है। संजय शास्त्री, प्रधान, हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ एवं स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया

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